रांची : अफीम की खेती का समय शुरू हो चुका है। झारखंड के डीजीपी इसे रोकने के लिए तत्पर हैं। डीजीपी के आदेश पर राज्य के सभी जिलों में पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इस दौरान अफीम की खेती को नष्ट कर दिया जा रहा है। इधर, सीआईडी ने आठ जिलों के एसपी को पत्र लिख रिपोर्ट मांगी है। कहां कितनी अफीम की खेती को नष्ट किया गया है, यह बताने को कहा गया है। डीजीपी सह सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने रांची, चतरा, पलामू, चाईबासा, हजारीबाग, खूंटी और लातेहार के एसपी को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है।
नए इलाकों को चिन्हित व निगरानी रखने का निर्देश
झारखंड में अफीम की खेती को रोकने के लिए एक्शन प्लान भी तैयार किया है। जिलों के एसपी को जिम्मेवारी सौंपी गई है। इसके अनुसार अफीम की खेती करने वालों पर निगरानी का निर्देश गया है। साथ ही नए इलाको को चिन्हित करने को कहा गया है। कहा है कि अफीम की खेती रोकने के लिए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। फसलों को नष्ट कर दिया जा रहा है। लेकिन भी अफीम की खेती पर पूरी तरह से लगाम नहीं लग पर रहा है।
सात जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने को कहा
सभी आठ जिलों के एसपी को सात जनवरी तक रिर्पोट सीआईडी आईजी को सौंपने को कहा गया है। आठ जनवरी को आईजी इसे डीजी कार्यालय को सौंप देंगे। नौ जनवरी को अफीम की खेती को नष्ट करने व पूरी से रोकथाम को लेकर हाईलेवल मीटिंग होनी है। इसमें अभी तक की गई कार्रवाई की समीक्षा होगी। यह समीक्षा बैठक विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी। बैठक में एनसीबी जोनल डारेक्टर, संबंधित क्षेत्र के आईजी व उस जोन के डीआईजी शामिल होंगे।
हाई डेंसिटी सैटेलाइट इमेज कराई जाएगी उपलब्ध
जानकारी के अनुसार, एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) के जोनल डारेक्टर ने भी अफीम की खेती की संभावित इलाको की जानकारी मांगी है। जिस क्षेत्र में पूर्व में बड़ी मात्रा में खेती की गई हो या किए जाने की संभावना है, ऐसे संभावित इलाको की पूरी डिटेल्स उपलब्ध कराने को कहा है। जानकारी मिलने के बाद एनसीबी चिन्हित इलाको की हाई डेंसिटी सैटेलाइट इमेज जारी करेगी। अफीम की खेती पर पूरी तरह से रोकथा लागने के लिए यह वैज्ञानिक तरीका अपनाया जा रहा।
चतरा में हुई थी हाईलेवल मिटिंग
बीते दिनों राज्य की गृह सचिव वंदना दादेल व डीजीपी अनुराग गुक्ष्ता ने अफीम की खेती पर रोक लगाने व इसे नष्ट करने को लेकर हाईलेवल मिटिंग की थी। पुलिस, वन विभाग से लेकर मुखिया तक को इसपर रोक लगाने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। बता दें कि हाईकोर्ट भी अफीम की खेती को लेकर गंभीर है।
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