सरायकेला: झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में अंधविश्वास की एक और खौफनाक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। सरायकेला नगर क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के पास रविवार रात एक 65 वर्षीय महिला की उसकी ही नातिनों ने देवी की बलि के नाम पर निर्मम हत्या कर दी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतका की पहचान सुमित्रा नायक (65) के रूप में हुई है, जो जिले के बेगनाडीह गांव की रहने वाली थीं। बताया जा रहा है कि वह अपनी नातिनों के साथ कुछ दिनों से सरायकेला नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर क्षेत्र में रह रही थीं। इसी दौरान, उनकी नातिनों ने उन पर देवी बलि की मांग का आरोप लगाते हुए रात के अंधेरे में उनकी जान ले ली।
अंधविश्वास बना हत्या की वजह
स्थानीय पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी नातिनें देवी-पूजा और तंत्र-मंत्र जैसी गतिविधियों में लिप्त थीं। उनका मानना था कि देवी ने बलि की मांग की है और अगर बलि नहीं दी गई, तो पूरे परिवार पर विपत्ति आ सकती है। इसी अंधविश्वास में उन्होंने अपनी ही नानी की बलि देने का निर्णय लिया और इस नृशंस वारदात को अंजाम दे डाला।
स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश
इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत और आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोग स्तब्ध हैं कि किस तरह अंधविश्वास के चलते खून का रिश्ता भी बेगाना हो गया। कुछ लोगों ने बताया कि आरोपी नातिनों की मानसिक स्थिति भी सामान्य नहीं लग रही थी और वे अक्सर पूजा-पाठ और तंत्र क्रियाओं में लिप्त रहती थीं।
पुलिस ने किया गिरफ्तार, जांच जारी
सरायकेला थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों नातिनों को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में प्रयुक्त हथियार भी जब्त कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि कहीं इस हत्या में और कोई शामिल तो नहीं था।
समाज में अंधविश्वास के खिलाफ चेतावनी
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में आज भी अंधविश्वास किस हद तक लोगों की सोच पर हावी है। सामाजिक संगठनों और प्रशासन की ओर से लोगों को जागरूक करने की जरूरत लगातार महसूस की जा रही है, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।