नई दिल्ली: झारखंड को पहली बार राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर चुनावों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार शनिवार को मानेकशॉ सेंटर में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के. रवि कुमार को प्रदान किया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी रवि कुमार के नेतृत्व में झारखंड में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान कई नवाचार किए गए, जिनसे राज्य में मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। मतदाता सूची को त्रुटिरहित, समावेशी और एकीकृत बनाया गया, जिससे अधिक से अधिक मतदाता शामिल हो सके। विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए विशेष अभियान चलाए गए।
मतदान केंद्रों पर बेहतर सुविधाएं
मतदान केंद्रों पर बिजली, पानी, शौचालय, व्हीलचेयर और रैंप जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं, जिससे बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए मतदान आसान हुआ। दूरदराज के इलाकों में मतदान केंद्र बनाए गए और जहां मतदान केंद्र दो किलोमीटर से अधिक दूरी पर थे, वहां मतदाताओं के लिए परिवहन की व्यवस्था की गई। नक्सल प्रभावित इलाकों में पहली बार शांतिपूर्ण मतदान हुआ।
स्वयंसेवकों और तकनीकी का योगदान
झारखंड में मतदान प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए एक लाख से अधिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया गया, जिन्होंने कतार प्रबंधन और बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं की मदद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी चेकपोस्ट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और मतदान केंद्रों के अंदर-बाहर वेबकास्टिंग के माध्यम से निगरानी की गई। इन प्रयासों का नतीजा यह रहा कि झारखंड ने विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत दर्ज किया, साथ ही महिला मतदाताओं की भागीदारी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
पुरस्कार प्राप्त करने के बाद के. रवि कुमार ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव 2024 को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने का श्रेय राज्य के सभी मतदाताओं, चुनाव कार्य में लगे अधिकारियों, सुरक्षा बलों, राजनीतिक दलों और मीडिया को जाता है।