Mujtaba Rizvi, Ranchi : झारखंड सरकार के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य की करीब 300 से अधिक दुकानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में दुकानों का कामकाज देख रही प्लेसमेंट एजेंसी की कार्यप्रणाली संतोषजनक नहीं होने के कारण विभाग की ओर से अगली व्यवस्था होने तक के लिए यह निर्णय लिया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि प्लेसमेंट एजेंसी की कार्य अवधि भी जल्द पूरी होने वाली है। दावा किया जा रहा है कि ऐसे में संबंधित दुकानों के सत्यापन को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया गया है।
सत्यापन होने के बाद संबंधित स्टोर पर लोगों की तैनाती कर इसका संचालन प्रारंभ कराया जाएगा। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से की गई इस कार्रवाई को पटरी से उतर चुकी व्यवस्था को एक बार फिर पटरी पर लाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल पूर्व में उत्पाद विभाग में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता की आशंका के बीच फिलहाल झारखंड की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से जांच की जा रही है। इस मामले में पूर्व उत्पाद सचिव सहित कई और अधिकारी फिलहाल जेल में हैं। वहीं कई अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। इस बीच सरकार ने विभागीय कामकाज में पारदर्शिता के लिए उत्पाद सचिव से लेकर उत्पादन आयुक्त तक के पद पर नई पदस्थापन कर दी है। कहा जा रहा है कि नए सचिव के योगदान के बाद विभागीय मंतव्य के अनुसार यह कदम उठाया गया है।
Jharkhand Exclusive : किसी भी तरह की अनियमितता पर सीधी कार्रवाई के निर्देश
बताया जा रहा है कि विभाग की तरफ से जिलों में तैनात उत्पाद विभाग के सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि शराब की खरीद बिक्री में किसी भी तरह की गड़बड़ी की शिकायत पर जांच करते हुए तत्काल कार्रवाई की जाए। किसी भी स्थिति में अवैध अथवा नकली शराब की खरीद बिक्री होने पर जवाबदेह अधिकारियों की जिम्मेवारी तय करने की बात कही गई है। कहा गया है कि उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग लगातार इसकी मॉनीटरिंग कर रहा है। जिले में किसी भी स्थिति में शराब माफिया को पनपने नहीं देने की हिदायत दी गई है।


