Hazaribag : झारखंड पुलिस ने सोमवार को एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने हार्डकोर माओवादी और पूर्व जोनल कमांडर सुनील गंझू को गिरफ्तार किया है। इस पर झारखंड के विभिन्न थानों में 54 आपराधिक मामले दर्ज हैं। सुनील गंझू को कभी झारखंड का टेरर कहा जाता था।

एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि गुप्त सूचना पर जोराकाट इलाके में छापेमारी की गई, जहां से पुलिस ने एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा। पूछताछ में उसने अपना नाम सुनील गंझू बताय। वह चतरा जिले के पत्थलगड्डा का रहने वाला है। तलाशी के दौरान उसके झोले से नक्सली लेटर हेड और पर्चे बरामद हुए।
गंझू ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह अपने चार-पांच साथियों के साथ कोयला व्यापारियों और ठेकेदारों से लेवी वसूलने आया था। पुलिस के अनुसार, वह भाकपा (माओवादी) के रीजनल कमांडर सहदेव महतो और सब जोनल कमांडर नताशा को पनाह देने का काम भी करता है।
पुलिस का कहना है कि सुनील गंझू की गिरफ्तारी से नक्सल संगठन को भारी झटका लगा है। वह साल 1990 से माओवादी गतिविधियों में सक्रिय था और 2018 में जेल से छूटने के बाद दोबारा संगठन से जुड़ गया था।
सबसे चर्चित बेलतू नरसंहार (2001) में भी इसकी संलिप्तता रही है। जब हथियारबंद नक्सलियों ने 13 ग्रामीणों की निर्मम हत्या कर दी थी। यह झारखंड के गठन के बाद की सबसे भयावह सामूहिक हत्या थी।
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