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Jharkhand Intermediate Colleges Admission and Teacher Employment Crisis : झारखंड इंटरमीडिएट शिक्षकों ने मंत्रियों से की मुलाकात, जताई रोजगार की चिंता

* शिक्षकों ने सरकार से की नामांकन बहाली व समायोजन की मांग

by Anand Mishra
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Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड के अंगीभूत डिग्री कॉलेजों में कार्यरत इंटरमीडिएट शिक्षकों की ओर से राज्य सरकार के समक्ष अपना भविष्य सुरक्षित रखने की गुहार लगाई गई है। कोल्हान विश्वविद्यालय इंटरमीडिएट शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीव दुबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन और उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू से उनके रांची स्थित आवास पर मुलाकात की।

प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों में इस सत्र से इंटरमीडिएट कक्षाओं में नामांकन फिर से प्रारंभ किया जाए और शिक्षकों का समायोजन किया जाए। इस बाबत शिक्षकों ने एक मांग पत्र भी सौंपा।

डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद होने से गहराया संकट

राजीव दुबे ने बताया कि राज्य के 65 से अधिक अंगीभूत महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट शिक्षा बंद होने की वजह से वहां कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के समक्ष गंभीर रोजगार संकट खड़ा हो गया है। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो सैकड़ों परिवार सड़क पर आ जाएंगे और भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

शिक्षा मंत्री ने दिया भरोसा, कोई नहीं होगा बेरोजगार

राजीव दुबे के अनुसार, शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार छात्रों और शिक्षकों दोनों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि सरकार का प्रयास रहेगा कि इंटरमीडिएट में जल्द से जल्द नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जाए। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी भी शिक्षक या कर्मचारी को बेरोजगार नहीं होने दिया जाएगा।

बता दें कि झारखंड के इंटरमीडिएट शिक्षकों का भविष्य अनिश्चितता में लटका है। माना जा रहा है कि यदि जल्द कोई समाधान नहीं निकला, तो राज्य में शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सैकड़ों शिक्षकों की आजीविका पर भी संकट मंडराएगा। शिक्षकों की मांग है कि सरकार न सिर्फ नामांकन प्रक्रिया शुरू करे, बल्कि शिक्षकों का नियमित समायोजन भी सुनिश्चित करे।

प्रतिनिधिमंडल में ये थे शामिल

डॉ. अंजनी कुमार झा (रांची), मुशरत (रांची), निरंजन कुमार, सुभाष जायसवाल (सिसई), गौतम शुक्ला (बुंडू), जितेंद्र प्रसाद महतो (जमशेदपुर), अनिमेष कुमार बख्शी, इनके अलावा धनबाद, पलामू सहित अन्य जिलों से भी कई शिक्षक-शिक्षिकाएं।

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