Jamshedpur : जमशेदपुर के मानगो में भारी बारिश के बाद 19 से अधिक बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थिति नगर निगम की लापरवाही का नतीजा है, क्योंकि वर्षों से नालों की सफाई नहीं कराई गई है। अब जब मानसून आ गया है तो बैठक कर अधिकारी कागजी कोरम पूरा करने के लिए नाले की सफाई की बात कर रहे हैं।
नगर विकास विभाग हर साल नाला सफाई के लिए फंड जारी करता है, लेकिन लोगों का आरोप है कि नगर निगम नाले की सफाई नहीं करता। नतीजतन, बारिश के पानी की निकासी नहीं हो पा रही और बस्तियों में पानी घुस रहा है।
इन इलाकों में बाढ़ का पानी
गुड्डू धोबी लाइन, कुमार बस्ती, वारिस कॉलोनी, टी खान मैदान, नित्यानंद कॉलोनी, देशबंधु लाइन, कालिका नगर, हयात नगर, चंद्रप्रभा नगर, डिमना रेजिडेंसी, कृष्णा नगर, शांति नगर, लक्ष्मण नगर, वास्तु विहार, गौड़ बस्ती, रामनगर, श्याम नगर, मून सिटी का निचला इलाका और राजीव पथ आदि
प्रभावित अपार्टमेंट

आस्था सिटी, ऑप्टिमस टावर, गुलमोहर अपार्टमेंट समेत दर्जनों सोसायटी में भी बाढ़ का पानी भर गया है।
खुद पंपसेट लगाकर पानी निकाल रहे लोग
स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर निगम से कोई मदद नहीं मिल रही है। जलभराव से निजात पाने के लिए उन्होंने खुद चंदा इकट्ठा कर पंपिंग मोटर से पानी निकालने का काम किया। नगर निगम के सफाई सुपरवाइजर ने मजदूरों की कमी का हवाला देते हुए कोई काम नहीं कर पाने की बात कही है।
उप नगर आयुक्त ने किया निरीक्षण

नगर निगम की ओर से उप नगर आयुक्त कृष्ण कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उनके साथ सहायक नगर आयुक्त अरविंद प्रसाद अग्रवाल और आकिब जावेद भी मौजूद रहे। सूत्र बताते हैं कि अधिकारी जहां-जहां गए वहां लोगों ने उनसे नगर निगम की लापरवाही की बात कही। नाला सफाई क्यों नहीं कराई गई। इसका जवाब देने के बजाय नगर निगम के कर्मचारी टाल मटोल में जुटे रहे।
निरीक्षण किए गए क्षेत्र:
लक्ष्मण नगर, श्याम नगर, रामनगर, चाणक्यपुरी, डिमना, ज़ाकिर नगर आदि।
उप नगर आयुक्त ने शेल्टर होम की व्यवस्था की समीक्षा की और लोगों से अनुरोध किया कि वे अस्थाई शिविरों में शरण लें। उन्होंने राहत टीमों का गठन कर सभी निगम कर्मियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है। साथ ही, माइकिंग कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की गई। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि स्वर्णरेखा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। नदी से सटे क्षेत्रों के निवासियों को आगाह किया गया है कि वे सुरक्षित दूरी बनाए रखें। निचले इलाकों में रहने वालों को सतर्क रहने और शेल्टर होम में स्थानांतरित होने की अपील की गई है।