Ranchi : झारखंड सरकार ने राज्य में शराब कारोबार को लेकर नई उत्पाद नीति लागू कर दी है। इस नीति के तहत अब खुदरा शराब दुकानें सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक खुली रहेंगी। पहले यह समय सीमा रात 10 बजे तक की थी। सरकार का उद्देश्य है कि बढ़े हुए समय के जरिए न केवल उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा मिले, बल्कि राज्य को राजस्व में भी बढ़ोतरी हो। यह कदम खास तौर पर नगर निगम और शहरी क्षेत्रों में शराब बिक्री को व्यवस्थित करने की दिशा में लिया गया है।
Jharkhand Liquor Shop Timing : शराब दुकानों की लॉटरी प्रक्रिया को लेकर उत्पाद विभाग सक्रिय
नई नीति के तहत खुदरा शराब दुकानों के आवंटन को लेकर लॉटरी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शनिवार को उत्पाद आयुक्त रविशंकर शुक्ला की अध्यक्षता में सभी जिलों के सहायक उत्पाद आयुक्तों और संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हुई। बैठक में लॉटरी प्रक्रिया की बारीकियों को साझा किया गया। इस बैठक में झारखंड सहित उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के शराब कारोबारियों ने भी भाग लिया।
एक कारोबारी को अधिकतम कितनी दुकानें मिल सकती हैं
लॉटरी प्रक्रिया में शामिल दुकानों को समूहों में बांटा गया है, जहां एक ग्रुप में एक से चार दुकानें शामिल हैं। एक आवेदक एक जिले में अधिकतम तीन समूहों के लिए आवेदन कर सकता है और राज्य भर में नौ समूहों तक भागीदारी की अनुमति है। यदि किसी आवेदक को नौ ग्रुप की लॉटरी मिलती है और हर ग्रुप में चार दुकानें होती हैं, तो उसे राज्य स्तर पर अधिकतम 36 दुकानें आवंटित हो सकती हैं। जिले के लिहाज से अधिकतम सीमा 12 दुकानों की तय की गई है।
Jharkhand Liquor Shop Timing : लॉटरी प्रक्रिया के लिए आवेदन और भुगतान की शर्तें
लॉटरी में भाग लेने वाले प्रत्येक आवेदक को निर्धारित न्यूनतम राजस्व का दो प्रतिशत अग्रिम राशि के रूप में जमा करनी होगी। नगर निगम क्षेत्रों के लिए प्रति दुकान ₹25,000 का आवेदन शुल्क तय किया गया है। यदि लॉटरी में दुकान आवंटित नहीं होती है, तो यह राशि विभाग द्वारा 15 दिनों के भीतर वापस कर दी जाएगी। वहीं, यदि आवंटन हो जाता है, तो जमा की गई राशि समायोजित कर दी जाएगी।
व्यापारियों को स्टॉक रिपोर्टिंग और राजस्व लक्ष्य के पालन का निर्देश
शराब कारोबारियों को प्रतिदिन के स्टॉक की जानकारी विभाग को देनी होगी। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वे निर्धारित न्यूनतम राजस्व के अनुसार शराब का उठाव करें। सरकार ने दुकानदारों के लिए 12 प्रतिशत लाभांश तय किया है। शराब की बिक्री पूरी तरह ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम के अंतर्गत की जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और अवैध व्यापार पर रोक लग सके।
राज्य सरकार का लक्ष्य: पारदर्शिता और राजस्व में वृद्धि
नई नीति और लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से राज्य सरकार का उद्देश्य शराब कारोबार को पारदर्शी और संगठित बनाना है। इससे एक ओर जहां कारोबारी वर्ग को लाभ मिलेगा, वहीं दूसरी ओर सरकारी राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है। सरकार की योजना है कि उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और सुविधा के साथ-साथ नियामक व्यवस्था के अंतर्गत नियंत्रित मूल्य पर शराब मिल सके।
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