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Jharkhand Navratri Special : झारखंड में यहां गिरी है माता सती के वाम नेत्र की पलक

by Anand Mishra
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चतरा : इन दिनों पूरे देश में नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। खासकर झारखंड में स्थित लेंबोइया पहाड़ी मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन चुका है, जहां हजारों श्रद्धालु नवरात्रि के अवसर पर पूजा अर्चना करने के लिए दूर-दूर से पहुंचते हैं। यह मंदिर मन्नतों के लिए प्रसिद्ध है और यहां एक अद्भुत मान्यता जुड़ी हुई है—कहा जाता है कि यहां माता सती के वाम नेत्र की पलकें गिरी थीं। यह सिद्धपीठ स्थल श्रद्धालुओं के बीच आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

लेंबोइया पहाड़ी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

लेंबोइया पहाड़ी चतरा जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां मां भगवती चामुंडा स्वरूप में विराजमान हैं। मान्यता है कि यहां की पूजा विधि बेहद प्रभावी और पवित्र है, क्योंकि यह स्थान भगवान शिव और देवी सती से जुड़ा हुआ है। कहते हैं कि इस स्थान पर मां भगवती की सिद्ध शक्तियों का वास है, और यहां पूजा करने से मनुष्य की हर इच्छा पूरी होती है। मंदिर की परंपरा के अनुसार, श्रद्धालु सोने और चांदी के बने नेत्र चढ़ाने की परंपरा निभाते हैं, जो यहां की प्रमुख परंपरा बन चुकी है। हर साल नवरात्रि के दौरान, यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

मंदिर की भव्य प्रतिमा और इतिहास

मंदिर के भीतर स्थित मां भगवती की प्रतिमा बेहद भव्य और मनोहारी है, जो काले पत्थर से बनी है। यह प्रतिमा आठवीं से दसवीं शताब्दी के बीच की मानी जाती है। यह प्रतिमा रणक्षेत्र में युद्ध करती हुई मां चामुंडा की प्रचंड मुद्रा में है, जिनके तीन मस्तक और सात नेत्र हैं, और उनके पैरों के नीचे चंड और मुंड दिखाई दे रहे हैं। कहते हैं कि यह मंदिर सबसे पहले चरवाहों द्वारा खोजा गया था, और तब से लेकर आज तक यहां मां की पूजा वैष्णव विधि से की जा रही है।

नवरात्रि के दौरान विशेष आयोजन और परंपराएं

लेंबोइया पहाड़ी मंदिर में नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है, जो सदियों पुरानी परंपराओं से जुड़ा हुआ है। रामगढ़ राजपरिवार द्वारा यहां पूजा कराए जाने की परंपरा रही है, और अब ब्रह्म ऋषि समाज द्वारा इसे कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। आसपास के क्षेत्र में हर शुभ कार्य की शुरुआत इस मंदिर से ही होती है। इस स्थान का प्राकृतिक वातावरण और धार्मिक महत्व श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। मंदिर में कई अन्य देवी-देवताओं की प्राचीन प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं।

नवरात्रि के दौरान उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

नवरात्रि के दिनों में यहां हर रोज़ सैकड़ों श्रद्धालु आते हैं और कलश स्थापना करके मां की पूजा करते हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक होती है कि मंदिर क्षेत्र में जगह-जगह दर्शन के लिए लंबी कतारें लगती हैं। मंदिर के प्रधान पुजारी, बी. पांडेय ने बताया कि यह मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और यहां की परंपराएं भी बहुत पुरानी हैं।

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