रांची: स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (Jharkhand News) और जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सेवानिवृत्त होने वाले पदाधिकारी/कर्मचारी/प्रधानाध्यापक/शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के सेवानिवृत्ति लाभ से संबंधित लाभों के भुगतान को समय पर किया जाएगा। क्योंकि, इसमें देरी होने के कारण मामला माननीय न्यायालय में अपने लाभों के भुगतान हेतु वाद दायर किया जाता रहा है, जिस कारण विभाग को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है।
अतः निर्देश दिया जाता है कि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को सेवानिवृत्ति की तिथि के 3 माह पूर्व ही सभी बकाया रहित प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान सुनिश्चित किया जाए, ताकि इससे संबंधित किसी प्रकार की कोई भी शिकायत न आए।
हर महीने होगी इसकी मॉनिटरिंग
विभाग की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि यदि सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों/कर्मियों के विरुद्ध कोई विभागीय/अनुशासनिक कार्रवाई लंबित हो, तो उसे भी हर हाल में सेवानिवृत्ति की तिथि के न्यूनतम छह माह पूर्व तक निष्पादित कर लिया जाए ।
उपरोक्त मामलों के निष्पादन के लिए सभी क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय में एक समर्पित कोषांग का निर्माण किया जाए एवं इन्हें दायित्व दिया जाए कि एचआरएमएस से प्राप्त डाटा के आधार पर सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को तिथिवार/माहवार सूची निकालकर उपरोक्त निर्देशों के अनुपालन की मॉनिटरिंग की जाए और इसकी नियमित रिपोर्ट दी जाए।
कार्रवाई की भी दी चेतावनी (Jharkhand News)
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि उपरोक्त निर्देश के अनुपालन के क्रम में यदि किसी क्षेत्रीय पदाधिकारी अथवा कर्मी की लापरवाही सामने आती है, तो अविलंब उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाए एवं विभाग को भी सूचित किया जाए। इस आदेश के बाद भी यदि सेवानिवृत्ति लाभ के नियमसंगत भुगतान हेतु कोई वाद दायर होता है अथवा मामला प्रकाश में आता है एवं आपकी लापरवाही प्रमाणित पाई जाती है, तो उस स्थिति में आपके विरुद्ध कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की बाध्यता होगी।
इसलिए जारी करना पड़ा आदेश
राज्य के हर जिले में प्रत्येक महीने बड़ी संख्या में शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं। लेकिन, उनके पावनाओं का भुगतान जिला कार्यालय की ओर से समय पर नहीं किया जाता है और कागजता अधूरा होने की बात कह इसे रोके रखा जाता है, जिससे सेवानिवृत्त कर्मी परेशान होते हैं और अंत में उन्हें मजबूर होकर हाई कोर्ट का रूख करना पड़ता है। कई बार कोर्ट ऐसे मामलों में विभाग से कड़े सवाल पूछता है। इससे बचने के लिए ही विभाग की ओर यह आदेश जारी किया गया है।
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