रांची : झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के उस बयान पर सवाल उठाए हैं, जिसमें उन्होंने स्कूलों पर ढाई लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने की बात कही थी। अजय राय ने इसे महज एक बयान करार देते हुए कहा कि आज तक ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिला जहां इस तरह की कार्रवाई किसी स्कूल के खिलाफ की गई हो। उन्होंने सवाल किया कि क्या मंत्री जी इस बात का कोई रिकॉर्ड दिखा सकते हैं कि इस तरह की कार्रवाई किसी स्कूल पर हुई हो, जबकि अभिभावकों ने लगातार इसका विरोध किया है।
स्कूलों का बढ़ा मनोबल
अजय राय ने कहा कि यह बयान केवल आई वाश है, जिसके कारण स्कूलों का मनोबल इतना बढ़ चुका है। वे अपनी मनमर्जी से फीस बढ़ाने, किताबों में कमीशन वसूलने और री-एडमिशन के नाम पर छात्रों से पैसे मांगने का काम करते हैं। उन्होंने झारखंड विधानसभा में झरिया की विधायक रागिनी सिंह द्वारा प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ उठाए गए सवालों का हवाला दिया। रागिनी सिंह ने बताया था कि प्राइवेट स्कूल हर साल 10 से 20 प्रतिशत तक फीस बढ़ा देते हैं, इसके अलावा किताबों की बिक्री में भी कमीशन वसूला जाता है और छात्रों को खास किताबों के लिए मजबूर किया जाता है।
स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए सरकार
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले लगभग 10 सालों के संघर्ष के बाद झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2019 का गठन हुआ था, लेकिन इसका सही तरीके से क्रियान्वयन कहीं भी नहीं हो रहा है। इसके बावजूद स्कूल अपनी मनमानी पर उतरे हुए हैं और इस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है, जो राज्य के लिए दुखद है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द इस मसले पर ध्यान दे और स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए।