रांची : झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने राज्य के निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस के अतिरिक्त अन्य शुल्कों की मनमानी वसूली को पूरी तरह गैरकानूनी करार दिया है। उन्होंने रविवार को सरकार से इस पर तत्काल कार्रवाई और शिक्षा न्यायाधिकरण को जमीनी स्तर पर लागू करने की मांग की।
अभिभावकों की शिकायतें
राय ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से अभिभावकों की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने बताया है कि निजी स्कूल एनुअल चार्ज, री-एडमिशन फीस, विकास शुल्क समेत अन्य अतिरिक्त मदों में भी अवैध शुल्क वसूल रहे हैं। यह छात्रों और अभिभावकों का आर्थिक शोषण है और यह सीधे तौर पर झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 का उल्लंघन है।
क्या कहता है कानून?
उन्होंने बताया कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम, 2017 के अनुसार “कोई भी निजी शैक्षणिक संस्थान सक्षम प्राधिकरण की पूर्व स्वीकृति के बिना **किसी भी प्रकार की फीस में वृद्धि नहीं कर सकता।” इस कानून का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है और राज्य सरकार अब तक मौन बनी हुई है।
राज्य सरकार पर उठाए सवाल
अजय राय ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा होने के बावजूद राज्य के किसी भी उपायुक्त ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इससे सरकार की नीयत और प्राथमिकता पर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है।” उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब है जब शिक्षा से जुड़े मामलों पर सरकार बार-बार शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता की बात करती है।
झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन की मांगें
- शिक्षा न्यायाधिकरण को प्रभावी रूप से लागू किया जाए।
- सभी निजी स्कूलों द्वारा की गई फीस वृद्धि की जांच हो।
- बिना स्वीकृति की फीस वृद्धि को तुरंत रद्द किया जाए।
- अभिभावकों के शोषण पर प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित हो।
छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
राय ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र हस्तक्षेप नहीं किया तो पेरेंट्स एसोसिएशन जागरूकता अभियान और आवश्यकता पड़ने पर जन आंदोलन शुरू करेगा।