Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड सरकार ने राज्य के सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्यों, प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों की स्थानांतरण नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। बीते 8 मई को राजधानी रांची में हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों, जिला शिक्षा अधीक्षकों और संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया है।
विशेष परिस्थितियों में अंतर जिला स्थानांतरण
अधिसूचना के अनुसार, विशेष परिस्थितियों में अंतर जिला स्थानांतरण के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। अब निम्नलिखित स्थितियों में शिक्षक अंतर जिला स्थानांतरण के पात्र होंगे :
असाध्य रोग से पीड़ित स्वयं शिक्षक/शिक्षिका, उनके पति/पत्नी (जो लागू हो) और उनके बच्चे।
50 वर्ष से अधिक आयु की महिला शिक्षिकाएं।
विधवा महिला शिक्षिकाएं।
तलाकशुदा महिला शिक्षिकाएं।
परित्यक्ता शिक्षिकाएं।
एकल अभिभावक (Single Parent) शिक्षक और शिक्षिकाएं जिनके बच्चों की उम्र 18 वर्ष से कम हो।
न्यूनतम 40 प्रतिशत दिव्यांग शिक्षक/शिक्षिकाएं।
स्थानांतरण में प्राथमिकता के नियम
स्थानांतरण आवेदनों पर विचार करते समय कुछ खास बिंदुओं पर प्राथमिकता दी जाएगी। न्यूनतम 40 प्रतिशत दिव्यांग और अत्यन्त गंभीर या दुर्लभ असाध्य रोगों के मामलों को छोड़कर, अन्य सभी मामलों में जिला के भीतर पीटीआर (Pupil-Teacher Ratio) प्रभावित नहीं होने की शर्त (पीटीआर 50 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए) के तहत ही स्थानांतरण पर विचार किया जाएगा। अंतर जिला स्थानांतरण आवेदनों पर अंतिम रूप से प्राप्त अंकों के आधार पर प्राथमिकता क्रम इस प्रकार होगा :
अत्यन्त गंभीर या दुर्लभ असाध्य रोग।
अन्य सूचीबद्ध असाध्य रोग।
न्यूनतम 40 प्रतिशत दिव्यांग।
वैसे पति-पत्नी जो राज्य सरकार या केंद्र सरकार और उनके उपक्रमों के अधीन सरकारी सेवक हों।
50 वर्ष से अधिक आयु वाली महिला शिक्षिकाएं।
विधवा महिला शिक्षिकाएं।
तलाकशुदा महिला शिक्षिकाएं।
परित्यक्ता शिक्षिकाएं।
एकल अभिभावक (Single Parent) शिक्षक/शिक्षिकाएं जिनके बच्चों की उम्र 18 वर्ष से कम हो।
पारस्परिक स्थानांतरण के नियम
अधिसूचना में पारस्परिक स्थानांतरण (Mutual Transfer) को लेकर भी स्पष्ट नियम बनाए गए हैं। सभी संवर्ग के शिक्षकों का उनके संवर्ग (विषय के अनुसार), नियुक्ति की समान आरक्षण कोटि, समान वेतनमान और जेटेट की भाषा (जिनके मामले में लागू हो) के अनुसार प्राप्त पारस्परिक स्थानांतरण के प्रस्ताव पर संबंधित निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति विचार कर निर्णय ले सकती है। पूरे सेवाकाल में सभी संवर्ग के शिक्षकों को पारस्परिक स्थानांतरण के अंतर्गत स्थानांतरण (अंतर जिला स्थानांतरण के दावों/मामलों सहित) का दावा केवल एक बार ही मान्य होगा, लेकिन इसे अधिकार के तौर पर नहीं मांगा जा सकता है। साथ ही, जिले के भीतर पारस्परिक स्थानांतरण का दावा मान्य नहीं होगा।
अति विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण
सभी संवर्ग के शिक्षकों के अति विशेष परिस्थितियों, यानी मामले की गंभीरता को देखते हुए अथवा स्पष्ट प्रशासनिक कारणों से स्थानांतरण आवश्यक होने पर संबंधित समिति तत्काल निर्णय ले सकती है। हालांकि, इस प्रावधान के तहत केवल अपवाद स्वरूप आवश्यक मामलों में ही कार्रवाई की जाएगी।
ऑनलाइन प्रक्रिया और मैनुअल जांच
जिला संवर्ग के शिक्षकों के जिले के भीतर स्थानांतरण के मामले अब स्थानांतरण एवं पदस्थापन सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के माध्यम से होंगे। हालांकि, इस सॉफ्टवेयर के निर्माण, परीक्षण और अधिसूचित किए जाने तक पहले की तरह विभाग को सूचित करते हुए मैनुअल प्रक्रिया से भी स्थानांतरण किया जा सकेगा। सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के माध्यम से होने वाले स्थानांतरणों में एक प्रतिशत मामलों की जांच अनिवार्य रूप से मैनुअली की जाएगी।
यह नई अधिसूचना राज्य के सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्यों, प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों की स्वीकृत स्थानांतरण नीति का अभिन्न अंग है और प्रकाशन की तिथि से ही लागू हो गई है।