रांची : झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से अपनी लंबित 20 सूत्री मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की है। महासंघ का कहना है कि राज्य सरकार ने अब तक कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है। महासंघ के महासचिव सुनील कुमार साह, अध्यक्ष देव नारायण सिंह मुंडा और संरक्षक गणेश प्रसाद सिंह समेत अन्य सदस्य ने राज्य सरकार से तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है। महासंघ का कहना है कि राज्यकर्मियों के स्वास्थ्य बीमा योजना को जल्द लागू किया जाए, जो अब तक लंबित है।
कर्मचारियों के वेतनमान और भत्तों पर भी चिंता
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने केंद्र के अनुरूप कर्मचारियों के वेतनमान, ग्रेड पे और भत्तों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। विशेष रूप से ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों को उनके मेहनत के हिसाब से उचित वेतन नहीं मिल रहा है। उदाहरण के तौर पर, ऑफिस बॉय, ऑफिस अटेंडेंट और हाउसकीपर को एल-8 के मानदेय में शामिल नहीं किया गया है और उन्हें सिर्फ 377 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं, साथ ही कोई अवकाश भी नहीं दिया जाता है।
डाटा एंट्री ऑपरेटर की समस्याएं
महासंघ ने डाटा एंट्री ऑपरेटरों की वेतन विसंगतियों का भी मुद्दा उठाया। राज्य के कई विभागों में कंप्यूटर ऑपरेटर को 43,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिल रहा है, जबकि डाटा एंट्री ऑपरेटरों को सिर्फ 22,050 रुपये ही दिए जा रहे हैं। इन सभी समस्याओं को लेकर महासंघ ने मुख्यमंत्री से शीघ्र समाधान की अपील की है, ताकि कर्मचारियों को उनका हक मिल सके।