रांची / जमशेदपुर : झारखंड में अप्रैल महीने में आम तौर पर पड़ने वाली झुलसाती गर्मी से इस बार लोगों को काफी हद तक राहत मिली है। इसके पीछे मुख्य कारण रहा काल बैसाखी, जो न केवल राजधानी रांची बल्कि राज्य के लगभग सभी जिलों में तेज हवाओं, गर्जन, हल्की बारिश और वज्रपात के साथ सक्रिय रहा। इस बदलाव के कारण राज्यभर में औसत तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहा, जिससे लोगों को लू और उमस से राहत महसूस हुई।
काल बैसाखी व तेज हवाओं ने बदला मौसम का मिजाज
राज्य के मौसम में बदलाव लाने में 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं ने अहम भूमिका निभाई। इन हवाओं के कारण गर्मी का असर कमजोर पड़ा और लगातार गर्म होते मौसम पर ब्रेक लग गया। मौसम विभाग के अनुसार, 21 अप्रैल तक राज्य के विभिन्न जिलों में गर्जन और वज्रपात के साथ-साथ 30 से 40 किमी/घंटा की गति से तेज हवा चलने की संभावना है। इसके मद्देनज़र विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी किया है।
राज्य के प्रमुख शहरों में तापमान
झारखंड के कई जिलों में इस बार तापमान पिछले साल की तुलना में काफी कम रहा। विशेषकर धनबाद, पलामू, गढ़वा, पूर्वी सिंहभूम, चतरा, सिमडेगा जैसे जिलों में जहां आमतौर पर अप्रैल में भीषण गर्मी पड़ती है, वहां भी इस बार राहत रही। शुक्रवार को रांची में 31.1°C, जमशेदपुर में 37.7°C, डालटनगंज (पलामू) में 39.4°C, बोकारो में 33.2°C और चाईबासा में 38.0°C तापमान रिकॉर्ड किया गया। हालांकि कुछ क्षेत्रों में 1-2 दिनों के लिए मौसम ने थोड़ी तपिश जरूर दिखाई, लेकिन लंबे समय तक लू जैसे हालात नहीं बने।
जलवायु परिवर्तन का संकेत या अस्थायी राहत?
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह मौसमी उतार-चढ़ाव का हिस्सा है, लेकिन लंबे समय तक ऐसा रुझान जलवायु में स्थायी परिवर्तन की ओर भी इशारा कर सकता है। झारखंड जैसे राज्य में हर साल अप्रैल में पड़ने वाली भीषण गर्मी से इस बार की राहत को लोग प्राकृतिक संतुलन की ओर एक सकारात्मक संकेत मान रहे हैं।