रांची : झारखंड में सर्दी ने इस कदर दस्तक दी है कि मानो ठिठुरन ने पूरे प्रदेश को अपनी मुट्ठी में कैद कर लिया हो। कहीं बर्फीली हवा हड्डियों को चीर रही है, तो कहीं शाम ढलते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर आता है। रांची से लेकर खूंटी तक शीतलहर ऐसा कहर मचा रही है कि लोग गर्म कपड़ों में लिपटकर भी राहत खोजते नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग की चेतावनी और गिरते पारे के साथ अब झारखंड की ठंड सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि सुर्खी बन चुकी है।
हिमालय की बर्फबारी का सीधा असर झारखंड पर
रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, हिमालयी क्षेत्रों में हो रही लगातार बर्फबारी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं की वजह से राज्य में पारे में तेज गिरावट दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक आनंद ने बताया कि अभी जो ठंड महसूस हो रही है, वह शुरुआत भर है। कल तक कई जिलों में तेज शीतलहर दिख सकती है, जबकि उसके बाद पूरे झारखंड में तापमान में व्यापक गिरावट होने की संभावना है।
9 जिलों में येलो अलर्ट, तापमान में और गिरावट का अनुमान
मौसम विभाग ने झारखंड के गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, रांची, खूंटी और सिमडेगा के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट संभव है। न्यूनतम तापमान 8–9 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। हवा की गति बढ़ने से सामान्य से अधिक ठंड महसूस होगी। नागरिकों को रात के समय विशेष सावधानी बरतने, आवश्यक होने पर ही यात्रा करने और बच्चों व बुजुर्गों को ठंड से बचाने की सलाह दी गई है।
खूंटी में पारा सबसे नीचे
खूंटी पिछले 24 घंटों में राज्य का सबसे ठंडा जिला रहा। यहां न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जंगलों की अधिकता, खुले मैदान और भारी पवन प्रवाह के कारण खूंटी में तापमान हर वर्ष औसतन अन्य जिलों की तुलना में नीचे रहता है। यही कारण है कि सर्दियों में यहां सबसे पहले और सबसे तेज ठंड महसूस होती है। राजधानी रांची में भी तापमान तेजी से गिरा है। शहर के कई हिस्सों में सुबह और देर शाम घनी धुंध दिखाई दे रही है, जिससे दृश्यता कम हो रही है। स्कूलों और कार्यालयों के समय में भी ठंड का स्पष्ट असर देखा जा रहा है। बढ़ती ठंड की वजह से अस्पतालों में सर्दी-जुकाम और श्वसन संबंधी समस्याओं के मामले बढ़ने लगे हैं।

