रांची : झारखंड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि अब तक लाभुकों को नहीं दी गई है, और अब राज्य सरकार ने इस योजना का लाभ उठाने वाले अयोग्य लाभुकों की पहचान शुरू कर दी है। रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने इस संदर्भ में एक अहम आदेश जारी किया है। इसके तहत, सभी बीडीओ, सीओ और सीआरपी को मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत चयनित लाभुकों का भौतिक सत्यापन करने के लिए कहा गया है।
क्या पूरे राज्य में होगी कार्रवाई?
रांची में इस कार्रवाई के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह प्रक्रिया पूरे राज्य में लागू की जाएगी और यदि कोई लाभुक अयोग्य पाया गया तो क्या सरकार उनसे राशि की वसूली भी करेगी? यह कार्रवाई राज्य के अन्य हिस्सों में भी लागू होने की संभावना है, जो अभी स्पष्ट नहीं हुई है।
अयोग्य लाभुकों का सूची से नाम हटाने का आदेश
रांची के उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों की सूची में यदि कोई अयोग्य पाया जाता है, तो उसे सूची से हटा दिया जाए। इसके अलावा, ऐसे अयोग्य लाभुकों से सम्मान राशि की वसूली भी की जाएगी। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इसका सत्यापन किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में यह कार्य एल यू एल एम के सीआरपी के माध्यम से किया जाएगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रखंड विकास पदाधिकारी और शहरी क्षेत्रों में अंचलाधिकारी इस कार्य के लिए जिम्मेदार होंगे। जानकारी के अनुसार उपायुक्त भजंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि किसी भी परिस्थिति में योजना का लाभ अयोग्य लाभुकों को नहीं मिलना चाहिए। इस सत्यापन प्रक्रिया से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि केवल योग्य लाभुकों को ही इस योजना का लाभ मिल रहा है।

														
