रांची: झारखंड विद्युत नियामक आयोग ने गुरूवार को राज्य में नयी बिजली दरों का एलान किया. इसमें उपभोक्ताओं को कंपनी ने झटका देते हुए प्रति यूनिट बिजली बिल में बढ़ोतरी कर दी है. हालांकि अब पहले से माना जा रहा था कि इस बार आयोग बिजली की दरों में बढ़ोतरी करेगा. इसके तहत अलग अलग श्रेणियों में 5 से 15 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है. आयोग के कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आयोग के अध्यक्ष अमिताभ गुप्ता ने नई दरों का एलना किया. इसके तहत अब ग्रामीण इलाकों में घरेलू की दर 5.80 रूपए प्रति यूनिट होगी जबकि घरेलू शहरी की दर 6.30 रूपए प्रति यूनिट होगी. इसी प्रकार घरेलू एचटी की दर 6.15 रूपए निर्धारित की गई है. आयोग ने 6.50 फीसदी टेरिफ वृद्धि को अपनी मंजूरी दी है जबकि जेबीवीएनएल ने 20 फीसदी बढ़ोत्तरी किए जाने की मांग की थी. नई टैरिफ झारखंड बिजली वितरण के उपभोक्ताओं के लिये मान्य है. झारखंड बिजली वितरण निगम ने इस संबंध आयोग को टैरिफ पीटिशन सौंपा था. इसमें घाटे को दर्शाते हुए दर बढ़ाने की अनुमति का आग्रह किया गया था.
राज्य में तीन साल बाद बढ़ी हैं बिजली दरें:
पिछले तीन साल से राज्य में बिजली दरें घोषित नहीं की गयी थी. साल 2020 में कोविड महामारी को देखते हुए आयोग ने बिजली दर बढ़ोतरी का निर्णय नहीं लिया. ऐसे में साल 2019 का दर अब तक मान्य है. वहीं, साल 2020 के बाद से नियामक आयोग में अध्यक्ष और सदस्य पद खाली हो गया. जिससे बिजली दरें निर्धारण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी.
निगम को सालाना 7000 करोड़ के नुकसान का है अनुमान:
जेबीवीएनएल की ओर से दिये प्रस्ताव में 20 फीसदी वृद्धि की मांग की गयी थी. प्रस्ताव में बिजली वितरण निगम ने बताया है कि निगम सालाना 7400 करोड़ रूपये के नुकसान में है. साल 2020 में ये घाटा 2200 करोड़ रूपये था. साल 2021 में 2600 करोड़, साल 2022 में 2500 करोड़ रूपये का घाटा बताया गया है. हालांकि जनसुनवाई के दौरान लोगों ने निगम के दांवों को झूठ बताया. साथ ही बिजली दरों में वृद्धि नहीं करने की अपील की गयी.