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Manipur : जिरीबाम की नागरिक संस्था अंत्येष्टि के लिए असम से शवों को वापस लाएगी

यह हादसा 11 नवंबर को मणिपुर के जिरीबाम जिले में घटित हुआ, जब सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में दस उग्रवादी मारे गए थे।

by Rakesh Pandey
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इंफाल/सिलचर : मणिपुर के जिरीबाम जिले में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना में छह लोग लापता हो गए थे, जिनमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे। इन लोगों का शव असम के सिलचर स्थित मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएमसीएच) के शवगृह में पड़ा हुआ था। घटना के बाद से शवों को उनके परिवारों द्वारा अंतिम संस्कार के लिए स्वीकार करने में देर हो रही थी। हालांकि, अब स्थानीय नागरिकों और अधिकारियों की एक संयुक्त समिति ने यह निर्णय लिया है कि इन शवों को मणिपुर स्थित उनके पैतृक गांवों में वापस भेजकर अंतिम संस्कार कराया जाएग

घटना का विवरण

यह हादसा 11 नवंबर को मणिपुर के जिरीबाम जिले में घटित हुआ, जब सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में दस उग्रवादी मारे गए थे। मुठभेड़ के कुछ घंटे बाद, राहत शिविर में रहने वाली तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हो गए थे। पुलिस और प्रशासन ने इन लापता लोगों की तलाश शुरू की और कुछ दिनों बाद उनके शव बरामद किए गए।

इनमें से दो महिलाओं और एक बच्चे का शव असम के कछार जिले में बराक नदी से बरामद किया गया, जबकि एक महिला और दो बच्चों के शव जिरीबाम के जिरी नदी से मिले थे। आरोप है कि इन लोगों का अपहरण कर बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह हत्या संभवतः उग्रवादियों द्वारा की गई थी, जो मणिपुर के विभिन्न हिस्सों में जातीय हिंसा का हिस्सा हैं।

पोस्टमार्टम और शवों की स्थिति

सभी छह शवों का पोस्टमार्टम एसएमसीएच में किया जा चुका है। चिकित्सकों ने शवों की रिपोर्ट तैयार की है, लेकिन अब तक शवों को उनके परिवारों को सौंपने या मणिपुर वापस लाने के बारे में कोई स्पष्ट तारीख तय नहीं हो सकी है। परिवारों का कहना है कि वे शवों को अंतिम संस्कार के लिए स्वीकार नहीं करना चाहते थे और इस कारण शवों को एसएमसीएच के शवगृह में रखा गया था।

इसी बीच, जिरीबाम में संयुक्त कार्रवाई समिति ने इस मुद्दे को लेकर कदम उठाया और शवों को मणिपुर वापस भेजने का निर्णय लिया है। इस समिति का उद्देश्य मृतकों के परिवारों को न्याय दिलाना और शवों का सम्मानजनक अंतिम संस्कार सुनिश्चित करना है। समिति ने तय किया है कि शवों को असम से मणिपुर के उनके पैतृक गांवों में भेजा जाएगा, ताकि उन्हें उचित धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया जा सके।

जातीय हिंसा का संदर्भ

यह घटना मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा का एक और उदाहरण है, जो मई 2023 से शुरू हुई थी। इस हिंसा के दौरान मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष बढ़ गया था, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 220 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह स्थिति मणिपुर के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण बन चुकी है, जहां उग्रवाद, जातीय हिंसा और सुरक्षा की स्थिति ने स्थानीय लोगों के जीवन को असुरक्षित बना दिया है।

जिरीबाम की यह घटना मणिपुर में जारी हिंसा और असुरक्षा की स्थिति का एक दुखद परिणाम है। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। शवों का असम से मणिपुर भेजे जाने और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू होने से शायद पीड़ित परिवारों को कुछ राहत मिले, लेकिन यह घटना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मणिपुर में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए और भी ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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