Chaibasa (Jharkhand): झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि राज्य में सरना/आदिवासी धर्म कोड लागू किए बिना जाति जनगणना नहीं होने दी जाएगी। झामुमो केंद्रीय समिति के निर्देशानुसार, इस मांग को लेकर आगामी नौ मई को जिला मुख्यालय चाईबासा में केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
केंद्र सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप
झामुमो के पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रवक्ता बुधराम लागुरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से केंद्र सरकार पर आदिवासी समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां आदिवासी समुदाय के प्रति भाजपा (BJP) की मानसिकता को उजागर करती हैं।
सरना धर्म कोड विधेयक पर केंद्र की चुप्पी
लागुरी ने कहा है कि कि हाल ही में भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया है। जबकि झारखंड में आदिवासी समुदाय लंबे समय से सरना/आदिवासी धर्म कोड की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है। 1 झारखंड सरकार ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए पांच साल पहले सरना/आदिवासी धर्म कोड विधेयक को विधानसभा से पारित कराकर राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार के पास भेजा था। लेकिन, पांच साल बीत जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने इस विधेयक पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
झामुमो का बड़ा आंदोलन
बुधराम लागुरी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक पूरे देश में सरना/आदिवासी धर्म कोड लागू नहीं किया जायेगा, झामुमो जातिगत जनगणना नहीं होने देगा। इस मुद्दे को लेकर आगामी नौ मई को चाईबासा में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें झामुमो जिलाध्यक्ष सोनाराम देवगम, मंत्री दीपक बिरुआ, सांसद जोबा माझी, विधायक सुखराम उरांव, विधायक जगत माझी, विधायक निरल पूर्ति समेत पार्टी के केंद्रीय सदस्य, जिला समिति के पदाधिकारी, प्रखंड, नगर और पंचायत समिति के सभी पदाधिकारी, सदस्य और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल होंगे।