कतरास (धनबाद): बीसीसीएल के कतरास क्षेत्र में हुए भू-धंसान हादसे ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया है। शुक्रवार को हुई इस दर्दनाक घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है। लगभग 36 घंटे तक चले मैराथन बचाव अभियान के बाद प्रशासन और रेस्क्यू टीमों ने सभी शवों को बाहर निकाल लिया है। शुक्रवार को 5 और शनिवार को 3 शव बरामद किए गए थे। शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे मां अंबे माइनिंग आउटसोर्सिंग परियोजना के पैच में अचानक जमीन धंस गई, जिसकी चपेट में आकर एक सर्विस वैन लगभग 400 फीट गहरी खाई में जा गिरी। घटना के तुरंत बाद, माइन रेस्क्यू टीम और मुनीडीह के गोताखोरों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया। माइन रेस्क्यू टीम ने शुक्रवार को पांच शव बरामद किए, जिनकी पहचान अमन कुमार, स्वरूप गोप और अमित भगत के रूप में हुई, जबकि दो शवों की पहचान नहीं हो पाई थी।
एनडीआरएफ ने संभाली कमान
हादसे के दूसरे दिन, शनिवार सुबह 11:05 बजे रांची से पहुंची एनडीआरएफ की बटालियन ने बचाव अभियान की कमान संभाली। टीम का नेतृत्व कौशल कुमार कर रहे थे। उन्होंने बताया कि खदान लगभग 300 फीट गहरी है, और उनकी टीम इस तरह के चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से तैयार है। एनडीआरएफ टीम ने शनिवार सुबह 11:50 बजे वैन के ड्राइवर गयासुर दास का शव गहरे पानी से बरामद किया। इसके बाद, टीम को खाई में लटके दो शवों को निकालने में भी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। रामकनाली कोलियरी के रेस्क्यू टीम के सदस्यों राजेश मंडल और रंजीत मुखर्जी ने अपनी जान जोखिम में डालकर इन शवों को पानी में गिराया, जिसके बाद उन्हें बाहर निकाला जा सका।
कुल 8 शवों में से 6 की पहचान हो चुकी है, जिनमें अमन कुमार, स्वरूप गोप, अमित भगत, गयासुर दास, राहुल रवानी और रूपक महतो शामिल हैं। दो अज्ञात शवों को अवैध खनन से जुड़े मजदूर होने का संदेह है।
परिजनों का आक्रोश और मुआवजे का ऐलान
शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाते समय चेक पोस्ट पर परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया। बाद में, पुलिस ने सुरक्षा एस्कॉर्ट के साथ शवों को रवाना किया। मां अम्बे आउटसोर्सिंग परियोजना के जीएम राणा चौधरी ने बताया कि हादसे में कंपनी के छह मजदूरों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों को दाह संस्कार के लिए 50-50 हजार रुपये, एंबुलेंस, मुआवजे के रूप में 20-20 लाख रुपये और एक-एक नियोजन देने पर सहमति बनी है।