बिजनेस डेस्क : अपने लिए तो सभी सोचते है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जो समाज और समाज में रहने वाले गरीब लोगों की मदद के लिए निरन्तर प्रयत्नशील रहते है उन्ही में से एक है श्रीराम समूह के फाउंडर आर त्यागराजन जिन्होनें अपने लिए एक घर और 5,000 डॉलर कार को छोड़कर अपनी सारी संपत्ति अपने कर्मचारियों को दान में दे दी है। अपने एक इंटरव्यू में 86 वर्षीय त्यागराजन ने बताया मैंने 750 मिलियन डॉलर (करीब 6 हजार करोड़ रुपए) दान कर दिए, लेकिन यह कोई नई बात नहीं है। त्यागराजन ने यह नहीं बताया कि उन्होंने यह दान कब किया है।
1,08,000 लोगों को रोजगार मिला श्रीराम ग्रुप में
भारत की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी में से एक श्रीराम ग्रुप ट्रकों, ट्रैक्टरों और अन्य व्हीकल के लिए भारत के गरीबों को लोन देने में अग्रणी है। इस ग्रुप ने बीमा से लेकर स्टॉकब्रोकिंग तक 1,08,000 लोगों को रोजगार दिया है। समूह की फ्लैगशिप कंपनी के शेयरों ने इस साल 35% से अधिक की छलांग लगाकर जुलाई में एक रिकॉर्ड बनाया, जो भारत के बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स से चार गुना अधिक है।
बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोगों को लोन देना उतना जोखिम भरा नहीं
अब त्यागराजन 86 वर्ष के हो चुके हैं और एक सलाहकार की भूमिका में आ गए हैं। त्यागराजन ने ब्लूमबर्ग को बताया कि उन्होंने इंडस्ट्री में यह साबित करने के लिए प्रवेश किया कि बिना क्रेडिट हिस्ट्री या बिना रेगुलर इनकम वाले लोगों को लोन देना उतना जोखिम भरा नहीं है जितना माना जाता है।
आइए जानते हैं आर त्यागराजन के बारे में
श्रीराम समूह के फाउंडर आर त्यागराजन का जन्म तमिलनाडु के एक संपन्न किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने गणित में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान से मास्टर डिग्री हासिल की। वह 1961 में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी में शामिल हुए। वह दो दशकों तक कई वित्त कंपनियों में कर्मचारी के रूप में काम करते रहे। उन्होंने 37 साल की उम्र में व्यापार शुरू किया और अब समूह के पास 30 कंपनियां हैं। त्यागराजन के पास मोबाइल नहीं है, क्योंकि उनका मानना है कि इससे ध्यान भटकता है। वह अभी भी एक छोटे से घर में रहते हैं।
23 मिलियन से अधिक कंपनी के उपभोक्ता
कंपनी के 23 मिलियन से अधिक उपभोक्ता हैं। प्रमुख कंपनी श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड का बाजार मूल्य लगभग 8.5 बिलियन डॉलर है। जून तिमाही में उनका मुनाफा करीब 200 मिलियन डॉलर रहा। उन्होंने कहा कि वेतन किसी को खुश रखने के लिए पर्याप्त होना चाहिए, न कि उत्साह बढ़ाने के लिए।
ट्रस्ट को ट्रांसफर किया पैसा
श्रीराम समूह के फाउंडर आर त्यागराजन ने अपनी सारी हिस्सेदारी कर्मचारियों के एक समूह को दे दी। उन्होंने सारा पैसा श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया। उन्हें शास्त्रीय संगीत पसंद है और वे पश्चिमी व्यावसायिक पत्रिकाएं पढ़ते हैं।
श्रीराम ग्रुप की स्थापना कब हुई
श्रीराम समूह के फाउंडर आर त्यागराजन आरटी के नाम से मशहूर हैं। उन्होंने (श्रीराम समूह के फाउंडर आर त्यागराजन )चेन्नई में श्रीराम ग्रुप की स्थापना 1974 में की थी। त्यागराजन का मानना है कि गरीबों को लोन देना समाजवाद का एक रूप है। उन्होंने कहा, ‘मैं थोड़ा सा वामपंथी हूं, लेकिन मैं उन लोगों के जीवन से कुछ बुरा खत्म करना चाहता हूं जो समस्याओं में उलझे हुए हैं।

