Chaibasa (Jharkhand) : कोल्हान विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों से खेल के नाम पर अवैध वसूली का गंभीर आरोप लगा है। बताया जाता है कि हर साल नामांकन के दौरान प्रत्येक छात्र से 50 रुपए का खेल शुल्क लिया जाता है, लेकिन इसके बदले में छात्रों को कोई भी सुविधा नहीं दी जाती।
विश्वविद्यालय पर कमाई का जरिया बनाने का आरोप
इस संबंध में जिला छात्र मोर्चा के जिलाध्यक्ष सनातन पिंगुवा ने आरोप लगाया है कि खेल शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा है, जो छात्रों में टीम भावना और अनुशासन विकसित करता है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे सिर्फ कमाई का जरिया बना लिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि हजारों छात्रों से वसूले गए लाखों रुपये आखिर कहां खर्च किए गए? इसकी कोई जानकारी आज तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
खेल सुविधाओं के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
छात्र मोर्चा के अनुसार, कोल्हान विश्वविद्यालय के किसी भी कॉलेज या परिसर में न तो पर्याप्त खेल सामग्री है, न ही कोई खेल प्रशिक्षक। मैदानों की हालत भी बदतर है, जिससे छात्र अपनी रुचि के खेल नहीं खेल पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में शुल्क वसूलना पूरी तरह से धोखाधड़ी और छात्रों के साथ अन्याय है। झामुमो छात्र मोर्चा के जिला सचिव अनुज पूर्ती ने भी इस मामले में प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि छात्र अब अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हैं और वे अपनी गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।
आंदोलन की चेतावनी
छात्र मोर्चा ने विश्वविद्यालय प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि अगर जल्द ही इस वसूली का हिसाब नहीं दिया गया, खेल सामग्री और कोच की व्यवस्था नहीं की गई, तो छात्र सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन इस मामले में पारदर्शिता बरते और जल्द से जल्द खेल शुल्क का विवरण सार्वजनिक करे। छात्रों ने कहा, “खेल के नाम पर यह अन्याय अब और नहीं चलेगा। अगर प्रशासन अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाता है तो हम विरोध प्रदर्शन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”