जमशेदपुर: काेल्हान विश्वविद्यालय के वाेकेशनल व बीएड शिक्षकाें के सेवा रिनुअल की प्रक्रिया पिछले छह महीने से विवि ने राेक कर रखा है। पहले विश्वविद्यालय ने प्रमाणपत्राें के सत्यापन के नाम पर इसे राेका था। लेकिन तीन महीना पहले जांच की प्रक्रिया पूरी हाे चुकी है लेकिन इसके बाद भी शिक्षकाें के सेवा काे रिनुअल नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर शिक्षक परेशान हैं। क्याेंकि इसकी वजह से उन्हें नियमित मानेदय नहीं मिल पा रहा है।
साथ ही वे नियमाें के तहत पिछले छह माह से विवि के इंप्लाई भी नहीं है। शिक्षकाें का सबसे बड़ा डर यही है। उनका कहना है कि जब रिनुअल से संबंधित सभी औपराचिकता काे विवि पूरी कर चुकी है, ताे फिर व इसे लटका कर क्याें इतने दिनाें से रखे हुए हैं। इसे लेकर शिक्षक लगातार विवि के कुलपति व रजिस्ट्रार से मिल रहे हैं। उन्हें अधिकारी आश्वासन ताे दे रहे हैं, लेकिन उसे पूरा नहीं कर रहे हैं।
इस वजह से होल्ड पर रखा गया है
काेल्हान विवि की बात करें, ताे इसके अंतर्गत वाेकेशनल व बीएड के 150 शिक्षक कार्यरत हैं। जाे विवि के अलग अलग काॅलेजाें में संचालित वाेकेशनल व बीएड काेर्स में दाखिला लेने वाले छात्राें काे पढ़ाने के लिए रखे गए हैं। विश्वविद्यालय का कहना है कि जांच के दौरान कुछ शिक्षकाें के अधूरे दस्तावेज मिले हैं। जिसकी वजह से इस प्रक्रिया काे हाेल्ड पर रखा गया है।
जुलाई में पूरी हाे जानी चाहिए थी रिनुअल की प्रक्रिया
काेल्हान विश्वविद्यालय के वाेकेशनल व बीएड शिक्षक कांट्रेक्ट पर रखे गए हैं। इनका कांट्रेक्ट 8 जुलाई काे समाप्त हाे गया है। ऐसे में 9 जुलाई से एक माह के अंदर इन सभी की सेवा काे रिनुअल किया कर दिया जाना चाहिए था। लेकिन छह माह बीत जाने के बाद भी यह प्रक्रिया पूरी नहीं हाे सकी है। जिससे शिक्षक मानसिक रूप से परेशान हैं और उन्हें डर है कि छह महीने का गैप दिखलाकर कहीं हटा न दिया जाए। इन शिक्षकाें का कहना है कि अगर जांच में कुछ शिक्षकाें का दस्तावेज अधूरा है, ताे ऐसे शिक्षकाें के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए जबकि शेष शिक्षकाें की सेवा रिनुअल हाेना चाहिए। जबकि विवि ने ऐसा न करते हुए पूरे प्रक्रिया काे ही लटका दिया है।
तीन महीने नहीं मिला मानेदय
सेवा रिनुअल नहीं हाेने का नुकसान इन शिक्षकाें काे आर्थिक ताैर पर भी हाे रहा है और इन्हें समय पर मानदेय नहीं मिल रहा है। विवि ने इन शिक्षकाें काे बिन सेवा रिनुअल शैक्षणिक कार्य करने का आदेश दिया है। लेकिन पिछले तीन माह से उन्हें मानदेय नहीं मिला है। जिससे वाेकेशनल शिक्षकाें की आर्थिक स्थिति खराब हाेती जा रही है और अब ये शिक्षक आंदोलन की धमकी विवि प्रशासन काे दे रहे हैं।