पटना: लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में मंगलवार को लालू परिवार को पटना की अदालत से एक बड़ी राहत मिली है। दिल्ली के राउज रिवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव को जमानत दे दी है। कोर्ट ने उन्हें 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है। इसके अलावा, इस मामले के अन्य आरोपियों को भी जमानत मिल गई है।
कोर्ट में पेशी: वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई
लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई, जिसमें तेज प्रताप यादव और हेमा यादव को जमानत मिली। इस सुनवाई में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लालू यादव और उनके परिवार के सदस्य कोर्ट में पेश हुए। पहले भी 25 फरवरी और 11 मार्च को इस मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित आरोपियों को समन भेजे थे।
सीबीआई जांच और चार्जशीट का मामला
लैंड फॉर जॉब स्कैम की जांच सीबीआई कर रही है। आरोप है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तो रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से जमीन ले ली गई थी। इसके अलावा, बिना विज्ञापन दिए, कुछ अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी पर रखा गया। सीबीआई ने इस मामले में फाइनल चार्जशीट भी दाखिल की थी। चार्जशीट के बाद कोर्ट ने समन जारी किया और जांच में सहयोग के लिए सभी आरोपियों को समन किया।
ईडी और सीबीआई से पूछताछ
इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जनवरी 2024 में लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से 10 घंटे तक पूछताछ की थी। इसी पूछताछ के आधार पर 25 फरवरी को इस मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद अब तेज प्रताप यादव और हेमा यादव को जमानत मिल गई है।
लालू परिवार के 5 सदस्य आरोपी
इस मामले में कुल 5 सदस्य लालू परिवार के आरोपियों की सूची में शामिल हैं। इनमें लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और तेज प्रताप यादव शामिल हैं। मंगलवार को तेज प्रताप और हेमा यादव को जमानत मिल गई है।
लालू यादव को पहले ही मिली थी जमानत
लालू यादव और परिवार के अन्य सदस्य इस मामले में पहले ही जमानत प्राप्त कर चुके थे। 7 अक्टूबर 2024 को अदालत ने लालू परिवार और अन्य 7 आरोपियों को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी।
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम का मामला?
लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी के बदले जमीन ली गई। आरोपियों ने यह प्रक्रिया बिना किसी विज्ञापन के पूरी की और अभ्यर्थियों को बिना परीक्षा और चयन प्रक्रिया के सीधे नौकरी पर नियुक्त किया। इसके बदले उन्हें जमीन प्राप्त हुई। इस मामले में कुल 78 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, जिनमें लालू परिवार के सदस्य भी शामिल हैं।