लातेहार : झारखंड के लातेहार जिले के उलगड़ा गांव में 26 दिसंबर 2024 को पुल निर्माण स्थल पर मुंशी बाल गोविंद साहू की निर्मम हत्या कर दी थी। स्थानी पुलिस ने इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। हत्या के पीछे उग्रवादी संगठन ‘झारखंड संघर्ष जनशक्ति मोर्चा’ (SJMM) का हाथ था, जिन्होंने लेवी वसूली के लिए इस घटना को अंजाम दिया।
निर्माण स्थल निगरानी के दौरान हुई थी हत्या
बाल गोविंद साहू, जो उलगड़ा गांव के वार्ड सदस्य भी थे, औरंगा नदी पर बन रहे पुल निर्माण कार्य में मुंशी का काम कर रहे थे। 26 दिसंबर की रात, जब वह और उनके साथी मुंशी निर्माण स्थल पर निगरानी कर रहे थे, आठ उग्रवादी वहां पहुंचे। वे उन्हें पकड़कर नदी के किनारे ले गए, जमकर पिटाई की और धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी। घटनास्थल पर उग्रवादियों ने ‘प्रदीप सिंह’ के नाम से एक पर्चा भी छोड़ा, जिसमें ठेकेदार की गलती के कारण हत्या करने की बात कही गई थी।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
मृतक के पुत्र अरविंद साहू की शिकायत पर लातेहार थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव के नेतृत्व में एसडीपीओ अरविंद कुमार ने एसआईटी का गठन किया। तीन जनवरी को पिपरागढ़ा, केंदुवाही और भूसूर गांव से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में भुनेश्वर सिंह उर्फ अंकित (21), रमेश सिंह (24), छोटे लाल उरांव (27), रामचंद्र उरांव (24) और सनोज उरांव (23) शामिल हैं। उनके पास से तीन भरठुआ, दो मोबाइल फोन और हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी बरामद की गई है।
उग्रवादी संगठन की भूमिका
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि प्रदीप सिंह उर्फ प्रदीप गंझू के नेतृत्व में उन्होंने लेवी वसूली के लिए यह हत्या की थी। उग्रवादियों ने हत्या के बाद घटनास्थल पर पर्चा छोड़कर एसजेएमएम के नाम पर जिम्मेदारी ली थी। इससे पहले भी उग्रवादियों ने ठेकेदार को धमकी दी थी, जिसके कारण मृतक के परिवार ने उन्हें मुंशी का काम छोड़ने की सलाह दी थी।
पुलिस की प्रतिक्रिया
लातेहार पुलिस ने इस अपराध का खुलासा कर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने कहा कि अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए सभी आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।