धनबाद: वासेपुर गैंगस्टर प्रिंस खान, इन दिनों साइबर अपराधियों के स्टाइल में काम कर रहा है। रंगदारी की रकम वसूलने तथा उस रकम को दुबई तक मंगवाने के लिए वह एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है। उसके नेटवर्क में तकरीबन 50 ऐसे लोग जुड़े हैं, जो बेरोजगार व मजदूर वर्ग के हैं। उन सभी के नाम से विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाया है। जिनके नाम से खाता खुला है वैसे खाताधारियों को वह 7-8 हजार रुपये महीना भी देता है। जबकि खाता खोलने वाले एजेंट को 3000 हजार रुपये तक देता है। सिर्फ आधार व आईडी कार्ड का किराया हर महीने प्रिंस खान तकरीबन 4 लाख रुपये बांट रहा है। यह खुलासा प्रिंस खान के फाइनेंशियल मैनेजमेंट का काम देखनेवाले वीर सिंह ने धनबाद पुलिस के पास किया है। जिसके बात से जिला पुलिस प्रिंस खान गैंग से जुड़े तकरीबन 100 से अधिक संदिग्ध बैंक खाता को खंगाल रही है।
जेल जाने से पूर्व वीर सिंह ने पुलिस को बताया कि हरेक नये खाता खुलवाने के लिए प्रिंस खान उसे तीन हजार रुपये देता था तथा जिसके नाम पर खाता खुलता था उसे सात हजार रुपये महीना नगद दिया जाता था। सिर्फ खाता उसके नाम से रहता था पर एटीएम व पासबुक वह खुद रखता था।
प्रिंस के फाइनेंशियल मैनेजमेंट में शामिल अपराधियों को ढूंढ रही पुलिस
गैंगस्टर प्रिंस खान का कथित फाइनेंसियल मैनेजर वीर सिंह ने धनबाद पुलिस के पास जो सनसनीखेज खुलासे किए है, उसके बाद पुलिस अनुसंधान का दायरा काफी बढ़ गया है। बीर सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस गैंग की कहानी का अंतिम अध्याय मान रही थी पर अब जब गैंग में प्रिंस खान के लिए काम करनेवाले कई लोगों के बारे में जानकारी हुई, तो पुलिस तलाश फिर से उन अपराधियों की तलाश शुरू कर दी है। वीर सिंह ने प्रिंस के लिए रुपये का ट्रांजैक्शन करने में मोना नामक की एक युवती, यूपी के प्रमोद तथा गाजियाबाद के अभिषेक उर्फ अमन कुमार का नाम लिया है। तीनों के बारे पुलिस पुलिस को जानकारी मिली है कि हाल में ही तीनो दुबई गया है। पुलिस उसके पुराने व वर्तमान ठिकानों के बारे में पता लग रही है। दिल्ली में प्रिंस के तीनों गुर्गे किन-किन लोगों के संपर्क में थे, उन्हें भी ढूंढा जा रहा है।