लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 16 मार्च को अपने जिलाध्यक्षों की पहली सूची जारी करने जा रही है। यह महत्वपूर्ण निर्णय बुधवार शाम को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक बैठक में लिया गया, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता, प्रदेश चुनाव अधिकारी महेंद्रनाथ पांडेय सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में यह तय किया गया कि जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा एक विशेष बैठक में की जाएगी, जिसमें जिला, क्षेत्र और प्रदेश के पदाधिकारी भाग लेंगे।
पहले चरण में 75 से 80 जिलाध्यक्षों की सूची जारी होगी
बीजेपी संगठन ने राज्य के 98 जिलों में नए जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली है। पहले चरण में 75 से 80 जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाएगी, जबकि शेष जिलों के लिए नामों का चयन बाद में किया जाएगा। पार्टी ने इस बार जातिगत समीकरण और सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए कुछ नए बदलाव किए हैं। खासकर दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है।
15 मार्च की रात या 16 मार्च की सुबह जिलों में पहुंचेंगे पदाधिकारी
सूत्रों के अनुसार, सभी जिला चुनाव अधिकारी, वरिष्ठ पदाधिकारी, पर्यवेक्षक और मंत्री 15 मार्च की रात या 16 मार्च की सुबह अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में पहुंचेंगे। वहां इन पदाधिकारियों की उपस्थिति में बैठकें आयोजित की जाएंगी और जिलाध्यक्षों की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। इस बार की लिस्ट में कई नए और चौंकाने वाले नामों के सामने आने की संभावना जताई जा रही है, जिससे यह सूची बीजेपी कार्यकर्ताओं और जनता के लिए दिलचस्प साबित हो सकती है।
घोषणा में देरी का कारण : आपसी खींचतान और सामाजिक समीकरण
बीजेपी संगठन के भीतर जिलाध्यक्षों की नियुक्ति 30 दिसंबर तक करने का लक्ष्य था, लेकिन आंतरिक खींचतान और सामाजिक समीकरणों को लेकर असहमति के कारण इसमें देरी हो गई। कई जिलों में अध्यक्ष पद को लेकर सहमति नहीं बन पाई, जिसके कारण लिस्ट जारी करने में समय लग रहा था। अब यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी होने की संभावना है और पार्टी इसे जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के प्रयास में है।
बैठक में वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, सह चुनाव प्रेक्षक संजय भाटिया और संजीव चौरसिया जैसे प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। बैठक के दौरान जिलाध्यक्षों के संभावित नामों पर अंतिम विचार-विमर्श हुआ और सूची को केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया गया।
नए जिलाध्यक्षों के चयन का महत्व
बीजेपी में जिलाध्यक्षों का चयन संगठन की रणनीति और आगामी चुनावों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। जिलाध्यक्ष पार्टी के नेतृत्व का मुख्य आधार होते हैं, जो स्थानीय स्तर पर संगठन को मजबूती प्रदान करते हैं और कार्यकर्ताओं के बीच विश्वास और उत्साह पैदा करते हैं। इस बार के जिलाध्यक्षों के चयन में खासतौर पर जातिगत और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए नए चेहरे सामने आ सकते हैं, जो पार्टी की संगठनात्मक ताकत को और बढ़ा सकते हैं।
इस प्रकार, 16 मार्च को जिलाध्यक्षों की पहली सूची की घोषणा के बाद, बीजेपी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों की निगाहें इस पर टिकी होंगी कि पार्टी किस प्रकार के नए नेतृत्व को आगे लाती है और किसके नेतृत्व में संगठन को एक नई दिशा मिलती है।