लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित विधानसभा भवन के बाहर गुरुवार दोपहर उस समय हड़कंप मच गया जब बाराबंकी जिले के आठ लोगों का एक परिवार आत्मदाह करने पहुंचा। परिवार की एक महिला ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास भी किया, लेकिन मौके पर मौजूद आत्मदाह निरोधक दस्ते ने सभी को समय रहते पकड़ लिया।
क्यों पहुंचे आत्मदाह करने?
परिवार के मुखिया जानकी प्रसाद ने बताया कि उनके बेटे संतोष को बाराबंकी पुलिस ने हत्या के एक मामले में जेल भेज दिया, जबकि उनका दावा है कि संतोष निर्दोष है और उसे गलत तरीके से फंसाया गया है।
परिजनों का कहना है कि उन्होंने पुलिस और अधिकारियों से न्याय की मांग की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद वे न्याय की आस लेकर विधान भवन पहुंचे।
कौन-कौन थे आत्मदाह के लिए मौजूद?
- जानकी प्रसाद
- पत्नी उर्मिला देवी
- बहू रामदुलारी (जिसने पेट्रोल उड़ेला)
- अंकित
- पुष्पा देवी
- पूनम देवी
- पंकज (मड़ियांव निवासी)
- सरिता भारती (जानकीपुरम निवासी)
इन सभी को हजरतगंज पुलिस थाने ले गई, जहां पूछताछ के बाद बाराबंकी पुलिस इन्हें अपने साथ वापस ले गई।
क्या है हत्या का मामला?
एएसपी उत्तरी बाराबंकी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 20 जून को अरविंद लोध की हत्या की गई थी। जांच में खुलासा हुआ कि संतोष और उसके साथी बृजेश कुमार ने मिलकर अरविंद की तार से गला कसकर हत्या की थी। हत्या का कारण बताया गया कि संतोष के अपनी चाची के साथ अवैध संबंध थे, जिसके चलते विवाद हुआ और यह वारदात हुई।
डीसीपी मध्य डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि आत्मदाह की सूचना मिलते ही सुरक्षा टीम और आत्मदाह निरोधक दस्ते ने तुरंत कार्रवाई की और किसी को भी आग लगाने का मौका नहीं दिया।