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Jharkhand Politics: मधु कोड़ा का बीजेपी के पोस्टर में लौटना– भ्रष्टाचार से सियासत तक का सफर

Jharkhand Politics: बीजेपी के पोस्टर में मधु कोड़ा को स्थान मिलना एक नया राजनीतिक संकेत है। विरोधियों के पास अब बीजेपी और मधु कोड़ा दोनों को घेरने का मौका है।

by Reeta Rai Sagar
Madhu Koda featured on BJP poster in Jharkhand after long gap
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Ranchi: झारखंड के पांचवें मुख्यमंत्री रहे मधु कोड़ा का नाम लंबे समय तक भ्रष्टाचार और जेल से जोड़ा जाता रहा है। 2006 से 2008 तक मुख्यमंत्री रहे मधु कोड़ा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाला, कोयला घोटाला समेत कई भ्रष्टाचार मामलों में आरोपी रहे हैं। कुछ मामलों में उन्हें सजा हो चुकी है तो कुछ में अदालत में सुनवाई जारी है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कोयला घोटाले में मधु कोड़ा को तीन साल की सजा सुनाई गई थी और जमानत पाने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक का रुख किया, मगर राहत नहीं मिली।

जमानत के बाद राजनीतिक दलों से बने रहे दूर
जमानत मिलने के बाद से राजनीतिक दलों ने मधु कोड़ा से दूरी बनाए रखी। 2019 में उनकी पत्नी गीता कोड़ा कांग्रेस के टिकट से जीतकर सांसद बनीं, हालांकि 2024 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। गीता कोड़ा के बीजेपी में शामिल होने के मौके पर मधु कोड़ा भी मौजूद थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया। तब बीजेपी ने यह कहकर सफाई दी कि मधु कोड़ा बीजेपी में शामिल नहीं हुए हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पोस्टर में मधु कोड़ा का नाम या तस्वीर कहीं नजर नहीं आई।

चुनावों में कोल्हान और संताल में बीजेपी को नुकसान
लोकसभा चुनाव में गीता कोड़ा चाईबासा से चुनाव हार गईं, वहीं विधानसभा चुनाव में मधु और गीता दोनों ही सक्रिय नहीं दिखे। कोल्हान और संताल जैसे अहम इलाकों में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। चम्पाई सोरेन एकमात्र उम्मीदवार रहे जिन्होंने बीजेपी के टिकट से जीत दर्ज की, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा का दबदबा दोनों क्षेत्रों में बरकरार रहा।

रघुवर दास, अर्जुन मुंडा और बाबूलाल मरांडी का एक्शन प्लान
चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी ने संगठन को मजबूत करने की मुहिम तेज कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ओडिशा के राज्यपाल का पद छोड़कर झारखंड लौटे, अर्जुन मुंडा अपनी व्यक्तिगत और राजनीतिक विफलताओं से उबरने में लगे हैं, तो वहीं बाबूलाल मरांडी नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष दोनों पदों का जिम्मा संभालते हुए पार्टी को आगे ले जाने में जुटे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति का दावा करने वाले मरांडी ने लंबे समय तक मधु कोड़ा को पार्टी से दूर रखा, हालांकि विधानसभा चुनावों के बाद दोनों नेताओं की मुलाकात से मतभेद कम हुए और पहली बार मधु कोड़ा को बीजेपी के पोस्टर में स्थान मिला।

बीजेपी के पोस्टर में मधु कोड़ा का नाम
24 जून को बीजेपी ने राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार और खराब कानून व्यवस्था के खिलाफ प्रखंड स्तर पर “आक्रोश प्रदर्शन” किया। इसके लिए जारी पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, केंद्रीय मंत्री संजय सेठ, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, अर्जुन मुंडा, चम्पाई सोरेन और पहली बार मधु कोड़ा का नाम और स्थान मिला है।

मधु कोड़ा का सियासी उतार-चढ़ाव
मधु कोड़ा का राजनीतिक जीवन उतार-चढ़ाव से भरपूर रहा है। निर्दलीय विधायक से राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री बने, भ्रष्टाचार में जेल गए, रांची के बिरसा मुंडा जेल में पिटाई तक सहनी पड़ी और अदालत से सजा मिलने के बाद चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिए गए। उनकी पत्नी विधायक और सांसद दोनों रहीं। 2024 में गीता कोड़ा बीजेपी में शामिल तो हुईं, मगर चुनाव हार गईं। लंबे समय तक मधु कोड़ा को राजनीतिक तौर पर अछूत माना जाता रहा, मगर अब बीजेपी के पोस्टर में उन्हें स्थान मिला है, जो एक नया राजनीतिक संकेत है। विरोधियों के पास अब बीजेपी और मधु कोड़ा दोनों को घेरने का मौका है।

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