कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई जबकि 10 से अधिक लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि हमले के दौरान आतंकियों ने पीड़ितों की धार्मिक पहचान पूछकर उन पर गोलियां चलाईं। मरने वालों में कई पर्यटक शामिल थे, जिनमें से कुछ अपने हनीमून पर थे। इस घटना ने न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान के कलाकारों को भी झकझोर कर रख दिया है।
पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान, हानिया आमिर, फरहान सईद, मावरा होकेन और उसामा खान जैसे कई कलाकारों ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। इसी कड़ी में बॉलीवुड फिल्म ‘रईस’ में शाहरुख खान के साथ नजर आ चुकीं पाकिस्तानी अभिनेत्री महिरा खान ने भी इस हमले को लेकर एक पोस्ट साझा किया, लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्होंने वह पोस्ट हटा दिया।
महिरा खान की इंस्टाग्राम स्टोरी:
24 अप्रैल की रात करीब 9 बजे महिरा खान ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, ‘दुनिया में कहीं भी किसी भी प्रकार की हिंसा, सिर्फ कायरता का प्रतीक है। पाहलगाम हमले से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’
इसके साथ उन्होंने एक टूटे दिल का इमोजी और #PahalgamAttack हैशटैग भी शामिल किया। लेकिन यह स्टोरी कुछ ही घंटों बाद, 25 अप्रैल की सुबह हटा दी गई। हालांकि, पोस्ट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

फवाद खान और हानिया आमिर की प्रतिक्रियाएं:
महिरा खान से पहले अभिनेता फवाद खान, जो हाल ही में अपनी बॉलीवुड फिल्म ‘अबीर गुलाल’ को लेकर चर्चा में हैं, ने लिखा:
“पाहलगाम में हुए क्रूर हमले की खबर से गहरा दुख हुआ है। इस भयावह घटना के शिकार लोगों और उनके परिवारों के लिए हमारी दुआएं हैं। हम उनके साथ हैं।”
वहीं अभिनेत्री हानिया आमिर ने कहा:
“कहीं भी होने वाली त्रासदी, हम सभी के लिए एक त्रासदी होती है। मासूम लोगों की जानें जाना हम सभी के लिए पीड़ा की बात है। दुख, संवेदना और उम्मीद—हम सभी एक हैं। इंसानियत को हमेशा प्राथमिकता दें।”
अन्य पाकिस्तानी कलाकारों की प्रतिक्रिया:
इसके अलावा पाकिस्तानी कलाकार फरहान सईद, मावरा होकेन और उसामा खान ने भी सोशल मीडिया पर इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
हालांकि महिरा खान द्वारा अपनी पोस्ट हटाने को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने यह दिखाया है कि आतंक की मार सीमाओं से परे जाती है और इंसानियत के लिए खड़ा होना ज़रूरी है।