नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मुख्य आरोपी, सुरेश चंद्राकर को SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है। वह इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी था। इसके अलावा उसके साथ इस हत्याकांड को अंजाम देने में शामिल उसके दोनों भाइयों रितेश चंद्राकर और सुरेश चंद्राकर सहित एक मजदूर की गिरफ्तारी पहले ही की जा चुकी है।
बदला लेने के लिए की थी हत्या
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद, फरार चल रहे मुख्य आरोपी, सुरेश चंद्राकर को पुलिस ने रविवार देर रात हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया। मुकेश चंद्राकर और सुरेश चंद्राकर आपस में रिश्तेदार हैं। मुकेश चंद्राकर (33 वर्ष) एक न्यूज चैनल में फ्रीलांसर पत्रकार के तौर पर कार्यरत थे। उन्होंने सुरेश चंद्राकर जो ठेकेदारी का काम करता है, के भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले का पर्दाफाश किया था। इस रंजिश का बदला लेने के लिए सुरेश चंद्राकर ने अपने साथियों के साथ मिलकर पत्रकार की हत्या कर दी।
ड्राइवर के घर पर छिपा था हत्या का मुख्य आरोपी
हत्या का मुख्य आरोपी जिसे पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है, वह ठेकेदारी का काम करता है। वह कांग्रेस का सदस्य भी है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर द्वारा ठेकेदारी के कामों में घोटाले का पर्दाफाश किए जाने पर उसे मौत के घाट उतार दिया। बीते 1जनवरी को लापता मुकेश चंद्राकर के शव को पुलिस ने 3 जनवरी को एक सेप्टिक टैंक से बरामद किया था।
जिस सेप्टिक टैंक में मुकेश चंद्राकर का शव पाया गया, वह सुरेश चंद्राकर की प्रॉपर्टी बीजापुर के छतनपारा बस्ती में था। पुलिस द्वारा छानबीन करने पर इस हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ। इसके बाद पुलिस हत्या में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी में जुट गई। मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर फरार हो गया था। SIT उसे हैदराबाद से पकड़ने में कामयाब रही। वह हैदराबाद में अपने एक ड्राइवर के घर पर छिपा हुआ था।
PM रिपोर्ट में हुआ खुलासा : सिर पर 15 प्रहार, लीवर के 4 टुकड़े… बड़ी बेरहमी से की गई हत्या
बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस हत्याकांड में इतनी क्रूरता बरती गई कि मानवता शर्मसार हो गई। मुकेश के शरीर पर 15 से अधिक चोट के निशान, लीवर के चार टुकड़े, पांच टूटी हुई पसलियां, टूटी हुई गर्दन और फटा हुआ हृदय, ये सब इस बात की गवाह दे रहे हैं कि उनकी हत्या कितनी बेरहमी से की गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोले राज
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने बताया कि अपने 12 साल के कॅरियर में उन्होंने कभी इतनी क्रूर हत्या नहीं देखी। उन्होंने यह भी दावा किया कि मुकेश चंद्राकर की हत्या में दो या दो से अधिक हमलावर शामिल थे।
सच्चाई सामने लाने की कीमत जान से गई
मुकेश चंद्राकर ने सुरेश चंद्राकर की ओर से किए जा रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था। सुरेश को बस्तर में 120 करोड़ रुपये की सड़क बनाने का ठेका मिला था। मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद ठेकेदार के खिलाफ जांच शुरू हुई थी। आखिरी बार मुकेश चंद्राकर को सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश ने कॉल किया था। इसके बाद से उनका फोन बंद आ रहा था।
सवालों के घेरे में सिस्टम
मुकेश चंद्राकर की हत्या ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या सच्चाई उजागर करने की कीमत एक पत्रकार को अपनी जान से देनी पड़ी। क्या सिस्टम भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगा हुआ है। इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए सरकार को गंभीर कदम उठाने होंगे।
मुकेश चंद्राकर की हत्या की भयावहता
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद की गई पोस्टमार्टम (PM) रिपोर्ट ने हत्याकांड की क्रूरता और भयावहता को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, मुकेश चंद्राकर के शरीर पर कई गंभीर चोटें मिलीं, जिनमें सबसे चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई कि उनके सिर पर 15 चोटों के निशान थे। इससे साफ हो गया कि उन्हें अत्यंत क्रूरता से मारा गया था।
मुकेश चंद्राकर का काम भ्रष्टाचार की कड़ी आलोचना करने के लिए जाना जाता था। उन्होंने 22 दिसंबर को NDTV में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें बीजापुर के गंगालूर से नेलशनार तक बन रही सड़क के घटिया निर्माण को उजागर किया था।
इस सड़क का निर्माण 120 करोड़ की लागत से किया जा रहा था, लेकिन इसमें कई गड्ढे थे और सड़क की गुणवत्ता बेहद खराब थी।
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