वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ उनकी सख्त नीति के तहत बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू हो गई है। सत्ता संभालने के मात्र 72 घंटे बाद, ट्रंप प्रशासन ने हजारों अवैध प्रवासियों के खिलाफ गिरफ्तारी अभियान शुरू किया। पिछले 12 से 15 घंटों में ही करीब 538 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया गया और सैकड़ों को डिपोर्ट किया गया।
ट्रंप प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: 538 गिरफ्तार, सैकड़ों डिपोर्ट
व्हाइट हाउस ने एक ट्वीट के जरिए बताया कि अब तक 538 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 373 को फिलहाल हिरासत में लेकर राहत शिविरों में भेजा गया है। अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) एजेंसी ने इसे ट्रंप के चुनावी वादे का पालन करार दिया है और सामूहिक रूप से अवैध प्रवासियों की निकासी की शुरुआत की है।
इस ऑपरेशन के तहत, वह प्रवासी निशाने पर हैं, जिनके खिलाफ अमेरिकी अदालत ने किसी अपराध के तहत सजा सुनाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वाशिंगटन, डी.सी., फिलाडेल्फिया, बोस्टन, अटलांटा, नेवार्क और मियामी जैसे प्रमुख शहरों में ICE ने छापे मारे। इन शहरों को अवैध अपराधियों की शरणस्थली माना जाता है, जहां इन्हें सुरक्षा मिलती है और वे आसानी से पनप सकते हैं।
सैन्य विमानों से डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू
ट्रंप प्रशासन की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि अब तक सैकड़ों अवैध प्रवासियों को सैन्य विमानों के जरिए डिपोर्ट किया जा चुका है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इन्हें किस देश में भेजा गया है। लेविट ने इसे “इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन ऑपरेशन” बताया और कहा कि वादे किए गए थे, जो अब पूरे हो रहे हैं।
गिरफ्तार अपराधियों में गंभीर अपराधियों का नाम
व्हाइट हाउस ने कुछ गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम और उनके अपराध भी साझा किए। इनमें बलात्कार, बच्चों के साथ यौन अपराध और 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का यौन शोषण करने वाले अपराधी शामिल हैं। कैरोलिन लेविट ने कहा कि गिरफ्तार हुए लोगों में एक संदिग्ध आतंकवादी, ट्रेन डी अरागुआ गिरोह के चार सदस्य और नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों में दोषी अपराधी शामिल हैं।
प्रशासन के खिलाफ विरोध: बिना वारंट के छापे
ट्रंप प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध भी देखने को मिला है। न्यूजर्सी के नेवार्क शहर के मेयर रास बराका ने आरोप लगाया कि ICE ने बिना वारंट के स्थानीय प्रतिष्ठानों पर छापे मारे। उनका कहना था कि यह कार्रवाई नागरिकों और अवैध प्रवासियों दोनों के खिलाफ की गई, जिससे वहां के निवासियों में डर और आतंक फैल गया। बराका ने कहा कि “जब लोगों को गैरकानूनी तरीके से आतंकित किया जा रहा है, तो नेवार्क चुपचाप नहीं बैठेगा।