लखनऊ: फिल्म ‘आदिपुरुष’ जब से रिलीज हुई है तब से विवादों में है। खासकर उसे संवाद व किरदारों को जिस रूप में दर्शाया गया है उसकी खूब आलोचना हो रही है। यहां तक की मामला कोर्ट में पहुंच गया है। इस फिल्म पर बैन लगाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस फिल्म पर तीखी टिप्पणी करते हुए निर्माताओं को जमकर फटकार लगाई और कहा कि रामायण के पात्रों को बड़े ही शर्मनाक तरीके इस फिल्म में दिखाया गया है।
कोर्ट ने कहा कि रामायण जैसे ग्रंथ के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर अभी आप कुरान पर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री बनाए और उसमें गलत गथ्य दिखाइए तो क्या आप सोच सकते हैं कि क्या हो जाएगा? आपको अंदाजा भी है कि उससे किस तरह की कानूनी समस्या खड़ी हो जाएगी?
धार्मिक ग्रंथों पर फिल्मे बनाई ही क्यों जाती है: कोर्ट
‘आदिपुरूष’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को कहा कि रामायण, कुरान या बाइबिल पर विवादित फिल्में बनाई ही क्यों जाती हैं, जो लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं।
हिंदुओं की सहिष्णुता के कारण फिल्ममेकर ऐसा कर पा रहे हैं जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ‘मान लीजिए, कुरान पर एक छोटी डॉक्यूमेंट्री बनायी जाती। क्या आप सोच सकते हैं कि उससे किस प्रकार कानून व्यवस्था की गंभीर समस्या खड़ी हो जाती ? लेकिन हिंदुओं की सहिष्णुता के कारण ही चीजें फिल्मकारों की भयंकर भूलों के बाद भी विद्रूप रूप नहीं लेती हैं जिसकी वजह से फिल्ममेकर इस प्रकार की फिल्मे बना देते हैं।

