मेदिनीनगर ,पलामू : सुरक्षाबलों की ओर से लगातार की गई कार्रवाई से पस्त हो चुके माओवादियों की ओर से स्थापना सप्ताह मनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उधर, इस प्रतिबंधित संगठन के इस आयोजन को लेकर पुलिस व सुरक्षाबलों के कान भी खड़े हैं। किसी तरह की हिंसक घटना को लेकर अत्यधिक सतर्कता-सजगता बरती जा रही है। दरअसल, प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों का स्थापना सप्ताह का 21 सितंबर से शुरू हो गया है जो 28 सितंबर तक चलेगा। स्थापना सप्ताह को लेकर पुलिस और सुरक्षाबलों ने हाई अलर्ट संबंधी एडवाइजरी जारी कर रखी है।
सीमावर्ती इलाकों को किया गया सील
किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए झारखंड-बिहार सीमावर्ती इलाकों को सील कर दिया गया है। सुरक्षाबलों की ओर से नक्सल गतिविधियों की ओर खास निगाह रखी जा रही है। इस पूरे सप्ताह भर की अवधि के दौरान सभी पुलिस थानों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। इसमें सभी थाना को सतर्कता बरतने और मूवमेंट के दौरान हाई अलर्ट पर रहने की सख्त हिदायत जारी की गई है। रेलवे, सरकारी भवन समेत नेशनल हाईवे पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके अलावा माओवादियों और उसके समर्थकों पर पुलिस विशेष नजर रखे हुए हैं।
जानें, क्यों और कब मनाया जाता है स्थापना सप्ताह
वर्ष 2004 में एमसीसी (MCC) और पीपुल्स वार ग्रुप (PWG) को मिला कर भाकपा माओवादी का गठन किया गया था। एमसीसी और पीपुल्स वार ग्रुप का 21 सितंबर 2004 को विलय हुआ था। जिसके बाद से माओवादी हर साल 21 से 28 सितंबर तक स्थापना सप्ताह मनाते हैं। इस दौरान नक्सली संगठन कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। स्थापना सप्ताह के दौरान माओवादी हिंसक घटनाओं को अंजाम देते हैं और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं।
बिहार और छत्तीसगढ़ से लगी सीमा पर खास चौकसी
इसको देखते हुए पलामू जोन के बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर खास निगरानी बढ़ाई गई है। छत्तीसगढ़-बिहार सीमा पर सीआरपीएफ और अन्य बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। दोनों सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान शुरू किया गया है। इस सर्च अभियान में सीआरपीएफ और जिला बल शामिल हैं।
पुलिस मुख्यालय ने जारी किया एसओपी
पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि भाकपा माओवादियों स्थापना सप्ताह को लेकर पुलिस मुख्यालय की तरफ से एसओपी (स्पेशल आपरेशन प्लान) जारी किया गया है। पलामू, गढ़वा और लातेहार के एसपी को इस संबंध में ब्रीफ किया गया है और संवेदनशील इलाके में निगरानी बढ़ाई गई है। अति नक्सल प्रभावित बूढ़ापहाड़ और अन्य हिस्सों में खास निगरानी है। माओवादियों के स्थापना सप्ताह को लेकर कई इलाकों में सरकारी संपत्ति की सुरक्षा बढ़ाई गई है। रेलवे को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है और सुरक्षा बढ़ा दी गई है।