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महाराष्ट्र के मराठा आरक्षण आंदोलन जिले में मराठा आरक्षण आंदोलन हुआ हिंसक, जाने कैसे बढ़ा विवाद ?

by Rakesh Pandey
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जालना : महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण आंदोलन शुक्रवार को हिंसक हो गया, जिसमें 38 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गये। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अंबाड तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सराथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस ने हवा में गोलीबारी की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार से गांव में भूख हड़ताल कर रहे थे। राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये गये आरक्षण को उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया था। इसके बाद से विरोध का दौड़ जारी है।

मुख्यमंत्री ने की शांति की अपील :

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शांति की अपील की और घोषणा की कि हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी। वहीं, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि पथराव के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को आंदोलन हिंसक हो गया और कुछ लोगों ने राज्य परिवहन की बसों और निजी वाहनों को निशाना बनाया। फडणवीस ने घायल पुलिसकर्मियों की संख्या 12 बताई है, जबकि जालना जिले के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी ने देर रात बताया कि पथराव में 32 पुलिसकर्मी और छह अधिकारी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को गंभीर चोटें आईं हैं, उनका जालना नगर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

पुलिस थाने के वाहन समेत दर्जनों वाहनों को किया आग के हवाले :

घायलों में दो पुलिस उपाधीक्षक और पांच महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं। दोशी ने बताया कि चंदनजीरा पुलिस थाने के वाहन को आग लगा दी गई। पुलिसकर्मियों के निजी वाहन भी जला दिए गए। प्राथमिक सूचना के अनुसार, राज्य परिवहन की पंद्रह बसों में आग लगा दी गई। उन्होंने बताया कि शांति बनाये रखने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक कंपनी और आसपास के जिलों के पुलिसकर्मियों को क्षेत्र में तैनात किया गया है।

लाठीचार्ज में कम से कम 20 प्रदर्शनकारी घायल :

पुलिस सूत्रों ने बताया कि लाठीचार्ज में कम से कम 20 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। वहीं अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों से बात की थी और उनसे भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया था लेकिन उन्होंने पीछे हटने से इनकार कर दिया था। उन्होंने बताया कि जालना में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है। इस पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी को भी हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए।

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राज्य सरकार मराठा आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करे : कांग्रेस

कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मांग की कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करे। पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा कि अंतरवाली सारथी गांव में पुलिस द्वारा किया गया लाठीचार्ज अस्वीकार्य है। फडणवीस ने पत्रकारों से कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का घेराव किया जो उनसे बात करने गई थी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन लोगों ने भूख हड़ताल पर बैठे व्यक्ति को घेर लिया और पुलिस को उसे अस्पताल ले जाने से भी रोका।

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