जम्मू : जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकवादियों ने एक बार फिर से दो लोगों को गोली मार दी है। 1 नवंबर को हुए आतंकी हमले में दो प्रवासी मजदूरों को टारगेट किया गया। बीते 12 दिनों के भीतर मध्य कश्मीर में गैर स्थानीय लोगों पर यह दूसरा टारगेट अटैक था। हमले में दोनों मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
जलशक्ति विभाग में थे कार्यरत
घायलों की पहचान सोफियान और उस्मान मलिक के तौर पर हुई है। 25 साल के दोनों मजदूर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। सोफियान और उस्मान दोनों ही युवक कश्मीर के जल शक्ति विभाग में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर कार्यरत थे। गोली लगने के बाद दोनों को श्रीनगर के जेवीसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल दोनों की हालत स्थिर बनी हुई है।
तलाशी अभियान शुरू
हमले की जानकारी मिलते ही सुरक्षा बल मौके पर पहुंच गए और आतंकियों के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दी है। गौरतलब है कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के सोनमर्ग इलाके में 20 अक्टूबर को भी आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें एक डॉक्टर और 6 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई थी। डॉक्टर औऱ सारे प्रवासी मजदूर जेड-मोड़ सुरंग पर काम कर रहे एक निर्माण दल का हिस्सा थे।
फिर से शुरू हो गया है टारगेट किलिंग का दौर
हाल-फिलहाल में हुए इन दो हमलों के बाद से केंद्र शासित प्रदेश में टारगेट हमले की चर्चा फिर से शुरू हो गई है। इसका कारण प्रवासी मजदूरों, गैर-मुसलमानों, कश्मीरी पंडितों और दूसरे राज्य से आए कर्मचारियों को ही निशाना बनाया जाना है।
2024 में ही अब तक इस तरह के कुल 7 मामले सामने आ चुके हैं। 2022 में भी कश्मीर में 29 टारगेट किलिंग हुई थी, जिसमें से 12 अटैक सुरक्षाबलों के खेमे पर की गई थी।
बिहार के मजदूरों पर हमले
18 अक्टूबर को बिहार के बांका जिले के अशोक चौहान नामक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 30 वर्षीय मजदूर का शव मक्के के खेत में पाया गया था। उसके पूरे शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इसके पहले 17 अप्रैल को बिहार के 35 साल के माइग्रेंट वर्कर राजू साह की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इसके अलावा फरवरी में भी पंजाब के दो लोगों की श्रीनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अप्रैल में भी दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में कैब ड्राइवर परमजीत सिंह को निशाना बनाया गया था। हमले में वे गंभीर रूप से घायल हुए थे।


