मुंबई: मुंबई की लोकल ट्रेनों में अब वंदे भारत जैसी सुविधाएं मिलने वाली हैं, जिससे यात्री सफर को और भी आरामदायक और सुविधाजनक महसूस करेंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बदलाव की घोषणा की और बताया कि मुंबई की लोकल ट्रेनों में वेंटिलेशन और अन्य सुविधाएं वंदे भारत एक्सप्रेस की तरह होंगी। इसके साथ ही रेलवे बोर्ड ने 238 वंदे भारत मेट्रो रेक्स को मंजूरी भी दे दी है, जो यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं और ट्रेन की ऑपरेशनल क्षमता में सुधार लाएगी।
यह बदलाव मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट-III (MUTP-III) और MUTP-3A के तहत किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर काम महाराष्ट्र सरकार और रेलवे मंत्रालय दोनों मिलकर करेंगे। रेल मंत्री के अनुसार, 2025-26 के रेल बजट में महाराष्ट्र राज्य के लिए 23,778 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल इस योजना के तहत होगा।
नए एडवांस इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (EMU) रेक्स में क्या खास होगा?
नए रेक्स वंदे भारत एक्सप्रेस की तरह ही डिजाइन किए गए हैं, लेकिन इन्हें शहरी परिवहन के लिए अनुकूलित किया गया है। इन रेक्स में कुल 8 डिब्बे होंगे, जिनमें स्वचालित दरवाजे, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली और आरामदायक सीटिंग व्यवस्था जैसी सुविधाएं होंगी। सबसे खास बात यह है कि ये रेक्स 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर सकेंगे, जिससे सफर का समय कम होगा और ट्रेनों की संख्या में भी वृद्धि की जा सकेगी।
इन रेक्स में ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए रेजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। यह प्रणाली ट्रेन के ब्रेक लगाते वक्त उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को पुनः उपयोग में लाएगी, जिससे बिजली की खपत घटेगी।
प्रोजेक्ट का बजट और फायदे
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 44,500 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से MUTP-III के तहत 10,900 करोड़ रुपये और MUTP-3A के तहत 33,600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे सफर का समय कम होगा, यात्रियों को ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित सफर मिलेगा, और भीड़ को सही तरीके से प्रबंधित किया जा सकेगा। इसके अलावा, बेहतर लोकल कनेक्टिविटी से आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। यात्रियों को सुरक्षा, आरामदायक सीटिंग और अन्य आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, जिसका वे लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।
पर्यावरण पर सकारात्मक असर
नए इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (EMU) रेक्स ऊर्जा कुशल हैं और इनके उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। इससे डीजल इंजन पर निर्भरता घटेगी, जिससे प्रदूषण भी कम होगा। रेलवे का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। इस परियोजना में वंदे भारत मेट्रो रेक्स का चयन स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने और भारतीय परिस्थितियों के अनुसार अनुकूलित करने के लिए किया गया है।
सम्भावित चुनौतियां
हालांकि इस परियोजना के साथ कई फायदे जुड़े हुए हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। इन नए रेक्स के उत्पादन और डिलीवरी में देरी हो सकती है, और मौजूदा रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ इन रेक्स का तालमेल बैठाना भी एक बड़ी चुनौती होगी। नए ड्राइवरों और मेंटेनेंस स्टाफ को प्रशिक्षित करना भी एक महत्वपूर्ण पहलू होगा। इस परियोजना के तहत दो बड़े मेंटेनेंस डिपो स्थापित किए जाएंगे, जहां इन रेक्स की नियमित देखभाल की जाएगी।