हैदराबाद : 16 जनवरी 2025 को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक ऐतिहासिक स्पेसवॉक मिशन को अंजाम दिया, जिसमें भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी निक हेग ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से बाहर कदम रखा। यह मिशन, जिसे ‘यूएस स्पेसवॉक 91’ के नाम से जाना जाता है, न केवल अंतरिक्ष विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि सुनीता विलियम्स के लिए भी यह खास था, क्योंकि वह सात महीनों बाद पहली बार ISS से बाहर आईं।
सुनीता विलियम्स की लंबी अंतरिक्ष यात्रा
सुनीता विलियम्स, जो जून 2024 से अंतरिक्ष में हैं, ने इस स्पेसवॉक के दौरान ISS के विभिन्न हिस्सों की मरम्मत और उन्नयन कार्य किए। सुनीता और निक को स्पेस स्टेशन की रेट गायरो असेंबली 2 (Rate Gyro Assembly 2) को बदलने, हारमोनी ज़ेनित्स प्लानर रिफलेक्टर (Harmony Zenith Planar Reflector) को रिप्लेस करने, और न्यूट्रोन स्टार इंटीरियर कंपोजिशन एक्सप्लोरर (NICER) के पैचेस इंस्टॉल करने का काम सौंपा गया था। इसके अलावा, उन्हें अपग्रेड के लिए अल्फा मैग्नेटिक स्पेकट्रोमीटर पैच पैनल भी तैयार करना था।
स्पेसवॉक की पूरी डिटेल्स
सुनीता विलियम्स के लिए यह आठवीं स्पेसवॉक थी, जबकि उनके साथी निक हेग के लिए यह चौथी स्पेसवॉक थी। नासा ने बताया कि सुनीता ने अब तक अपने सात स्पेसवॉक मिशनों में कुल 50 घंटे और 40 मिनट अंतरिक्ष में बिताए हैं। वहीं, निक हेग ने 19 घंटे और 56 मिनट अंतरिक्ष में बिताए हैं। यह मिशन कुल 6-7 घंटे लंबा था और अंतरिक्ष स्टेशन के कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में मददगार साबित हुआ।
इस स्पेसवॉक के दौरान, उनके समर्थन में बुच विल्मोर और डोन पेटिट जैसे विशेषज्ञ भी थे। यह स्पेसवॉक न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह 2025 की पहली स्पेसवॉक थी और इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। नासा ने इस स्पेसवॉक का वीडियो अपनी वेबसाइट और आधिकारिक एक्स अकाउंट पर साझा किया, जिससे दुनियाभर के लोग इसे लाइव देख सके।
सुनीता का ISS से बाहर आना
सुनीता विलियम्स की यह स्पेसवॉक इस लिहाज से भी खास थी कि वह सात महीने के बाद ISS से बाहर निकलीं। जून 2024 में जब सुनीता और उनके साथी अंतरिक्ष में गए थे, तो उनका मिशन एक सात दिन का परीक्षण मिशन था। हालांकि, तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें वापस धरती पर लौटने का मौका नहीं मिला, और वे ISS में ही फंस गए थे। अब, सात महीने बाद उन्होंने स्पेसवॉक किया, जो एक ऐतिहासिक क्षण था।
नासा के लिए स्पेसवॉक की महत्ता
नासा के लिए यह स्पेसवॉक एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि इससे पहले उन्हें स्पेसवॉक के दौरान कई बार असुविधाओं का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण रिपेयरिंग और अपग्रेडेशन के काम लंबित रह गए थे। अब जब सुनीता और निक ने इन कार्यों को अंजाम दिया, तो नासा को राहत मिली है और ISS के रख-रखाव में काफी मदद मिली।
आने वाला मिशन
नासा ने यह भी जानकारी दी कि अगला मिशन, ‘यूएस स्पेसवॉक 92’, 23 जनवरी 2025 को शुरू होगा। इस मिशन में सुनीता विलियम्स एक बार फिर से स्पेसवॉक करेंगी, जो उनके अंतरिक्ष मिशन में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा।
सुनीता विलियम्स और निक हेग का यह स्पेसवॉक न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के अदम्य साहस और वैज्ञानिक कार्यों के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इस प्रकार के मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण के नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं और भविष्य में और भी बड़े अंतरिक्ष अभियानों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।