लातेहार : मंगलवार को लातेहार में नक्सली संगठन जेजेएमपी (झारखंड जन मुक्ति परिषद) के दो सक्रिय नक्सलियों पप्पू साहू व चंदन साहू ने लातेहार के पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। ये दोनों नक्सली लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र के होसीर गांव के निवासी हैं।
माला पहनाकर सम्मानित किए गए नक्सली
लातेहार पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में आयोजित एक समारोह में दोनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, और उन्हें एसपी कुमार गौरव और सीआरपीएफ के कमांडेंट यादराम बुनकर द्वारा माला पहनाकर सम्मानित किया गया। यह आत्मसमर्पण समारोह सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत आयोजित किया गया, जो नक्सलियों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए उन्हें हिंसा छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।
सुरक्षा बलों के दबाव के बाद नक्सलियों ने किया सरेंडर
लातेहार के पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने इस घटना की जानकारी दी और बताया कि यह आत्मसमर्पण सरकार की आत्मसमर्पण नीति के सकारात्मक परिणामों को दर्शाता है। दोनों नक्सली, पप्पू साहू और चंदन साहू, ने अपने जीवन को हिंसा से दूर करने और समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ पुलिस और सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई के परिणामस्वरूप नक्सली संगठन काफी कमजोर हो चुके हैं, और कई नक्सली अब आत्मसमर्पण करने को मजबूर हो रहे हैं।
एसपी ने आगे बताया कि दोनों नक्सलियों ने सीआरपीएफ और छिपादोहर थाना प्रभारी धीरज कुमार से संपर्क कर आत्मसमर्पण की इच्छा जताई थी, जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया। मंगलवार को दोनों नक्सलियों ने लातेहार पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया।
पप्पू पर तीन व चंदन पर एक मामला है दर्ज
दोनों नक्सलियों के खिलाफ हिंसा से संबंधित कई मामले दर्ज थे। एसपी कुमार गौरव ने बताया कि पप्पू साहू पर तीन उग्रवादी हिंसा के मामले दर्ज थे, जबकि चंदन साहू पर एक मामला दर्ज था। इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद पुलिस प्रशासन ने यह साफ किया कि आत्मसमर्पण करने वालों को कानून के तहत उचित सुरक्षा और सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे अपने जीवन को बेहतर बना सकें और समाज में शांति का संदेश दे सकें।
लातेहार को करना है नक्सल मुक्त
लातेहार पुलिस प्रशासन ने नक्सलियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को जारी रखने का आश्वासन दिया और कहा कि आत्मसमर्पण की इस प्रक्रिया को और अधिक बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस आत्मसमर्पण को लातेहार जिले के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जो नक्सलवाद से मुक्त होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।