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New Tax Bill : आज पेश होगा नया TAX बिल… 10 प्वाइंट में आसानी से समझें, इसमें आम आदमी के लिए क्या-क्या बदला

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा आज लोकसभा में पेश होने जा रहे नए इनकम टैक्स बिल (Income Tax Bill 2025) में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यह बिल 1961 के इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा और 63 साल बाद इसे बदला जा रहा है। इस नए बिल को पारदर्शी, सरल और टैक्सपेयर्स के अनुकूल बनाने का दावा किया गया है। आइए जानते हैं इस बिल की 10 प्रमुख बातें, जो आम आदमी को सीधे प्रभावित करेंगी।

  1. बिल का आकार हुआ छोटा
    नए बिल को पहले की तुलना में बहुत संक्षिप्त और आसान बनाया गया है। 1961 में जहां इनकम टैक्स बिल 880 पृष्ठों का था, वहीं अब नए बिल में केवल 622 पृष्ठ हैं। यह बिल 536 धाराओं और 23 अध्यायों में बंटा हुआ है, जिससे इसे समझना आसान होगा।
  2. टैक्स ईयर का नया कॉन्सेप्ट
    अब तक टैक्स के लिए ‘असेसमेंट ईयर’ और ‘फाइनेंशियल ईयर’ जैसे शब्दों का उपयोग किया जाता था, जिससे लोगों को कन्फ्यूजन होता था। नए बिल में इन दोनों को खत्म कर दिया गया है और एक ही शब्द ‘टैक्स ईयर’ को लागू किया जाएगा। उदाहरण के लिए, 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 तक को ‘टैक्स ईयर 2025-26’ कहा जाएगा।
  3. स्टैंडर्ड डिडक्शन में बदलाव
    सैलरीड कर्मचारियों के लिए पुराने टैक्स रिजीम में 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा, जबकि न्यू टैक्स रिजीम को चुनने पर यह डिडक्शन बढ़कर 75,000 रुपये हो जाएगा। इसके अलावा, न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा और वही दरें लागू रहेंगी।
  4. सीबीडीटी को अधिक अधिकार
    नए बिल के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को यह अधिकार दिया गया है कि वह अब अपनी योजना को स्वतंत्र रूप से शुरू कर सकेगा। पहले यह काम संसद से अनुमोदन लेकर किया जाता था, लेकिन अब नौकरशाही में देरी की समस्या को खत्म करने के लिए यह अधिकार सीबीडीटी को दे दिया गया है।
  5. कैपिटल गेन की दरें समान
    नए बिल में शेयर बाजार से होने वाले शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की अवधि में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 12 महीने तक शॉर्ट टर्म माना जाएगा और टैक्स दरें भी वही रहेंगी। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 20% और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5% टैक्स लगेगा।
  6. पेंशन, एनपीएस, और इंश्‍योरेंस पर छूट
    नए बिल के तहत पेंशन, एनपीएस (National Pension Scheme) में योगदान और इंश्‍योरेंस पर टैक्स डिडक्शन जारी रहेगा। इसके साथ ही, रिटायरमेंट फंड, ग्रेच्‍युटी और पीएफ में किए गए योगदान पर भी टैक्स छूट मिलेगी। इससे कामकाजी वर्ग को राहत मिलेगी।
  7. टैक्स चोरी पर कड़ी सजा
    नए टैक्स बिल में टैक्स चोरी या कर- अपवंचना करने वालों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। अगर कोई जान-बूझकर टैक्स चोरी करता है, तो उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है और उसे भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा, आय छिपाने पर उसका खाता सीज किया जा सकता है।
  8. ई-केवाईसी अनिवार्य
    सरकार ने टैक्स पेमेंट को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) और ऑनलाइन टैक्स भुगतान को अनिवार्य कर दिया है। इससे टैक्स फाइलिंग और भुगतान की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार कम होगा।
  9. कृषि आय पर टैक्स छूट
    कृषि आय को कुछ शर्तों के तहत टैक्स से मुक्त रखा गया है। इसके साथ ही, धार्मिक ट्रस्ट, संस्थाओं और दान में दी गई राशि पर भी कर छूट मिलेगी। यह कदम किसानों और सामाजिक संस्थाओं को राहत देने के लिए है।
  10. विवादों को कम करने के लिए स्पष्ट नियम
    1961 के टैक्स बिल में कई अस्पष्ट प्रावधानों के कारण सरकार और टैक्सपेयर्स के बीच विवाद होते थे। अब नए बिल में स्पष्ट नियमों और आसान शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे विवादों की संख्या में कमी आएगी।

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