खूंटी : सरकार के निर्देश पर, खूंटी जिला प्रशासन ने आम जनता को सस्ती और वैध बालू उपलब्ध कराने के लिए एक नई पहल की है। जिला प्रशासन जल्द ही पंचायत स्तर पर कैटेगरी-1 के पांच बालू घाटों का संचालन शुरू करेगा। इन घाटों का संचालन न केवल बालू की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करेगा, बल्कि अवैध खनन पर भी प्रभावी रोक लगाएगा।
कहां और कैसे होगा बालू घाटों का संचालन
खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड की सुनगी पंचायत, तोरपा प्रखंड की दियांकेल और चुरगी पंचायत, तथा मुरहू प्रखंड की माहिल और गनालोया पंचायत में पांच बालू घाटों का संचालन किया जाएगा। इस पहल के तहत, बालू की उचित कीमत पर उपलब्धता के साथ, ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी जागरूक किया जाएगा।
सरकार की गाइडलाइनों का पालन व पारदर्शिता की दिशा में कदम
मंगलवार को समाहरणालय के सभागार में आयोजित बैठक में, उपायुक्त लोकेश मिश्रा ने कहा कि यह खूंटी जिले में पहली बार कैटेगरी-1 बालू घाटों का संचालन शुरू हो रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सरकार की गाइडलाइनों का पूरी तरह पालन करते हुए पारदर्शिता सुनिश्चित करें। अंचल अधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी से बालू घाटों का सीमांकन शीघ्र पूरा करने को कहा गया, ताकि घाटों का संचालन जल्द शुरू हो सके।
बालू के उठाव और उपयोग के लिए सख्त नियम
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जेसीबी और हाइवा जैसे बड़े वाहनों का बालू घाटों पर प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। बालू उठाने वाले लाभुकों को प्रति ट्रैक्टर बालू के लिए 100 रुपये का चालान जारी किया जाएगा, जो निर्धारित खाते में जमा किया जाएगा। साथ ही, घाटों से केवल निजी उपयोग के लिए बालू उठाने की अनुमति दी जाएगी। व्यावसायिक उपयोग और बालू का भंडारण या बिक्री सख्ती से प्रतिबंधित होगा।
सार्वजनिक जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण पर जोर
उपायुक्त ने बैठक में आम जनता से आह्वान किया कि वे केवल वैध और निर्धारित स्रोतों से बालू का क्रय करें। इस पहल का उद्देश्य न केवल बालू की किफायती उपलब्धता सुनिश्चित करना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और राजस्व में पारदर्शिता भी लाना है।
बैठक में अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी, जिला खनन पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, और जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे, जिन्होंने इस पहल को सफल बनाने के लिए सहमति जताई।