हेमंत सोरेन ने पत्र लिखकर कार्यक्रम स्थगित करने की मांग की, गडकरी के दौरे पर बढ़ा सियासी पारा
रांची: झारखंड की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के रांची और गढ़वा दौरे को लेकर सियासी बयानबाजियों का दौर चल निकला है। झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी ने इस कार्यक्रम को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर हमारी बात गडकरी जी तक पहुंच जाती तो शायद वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होते।
सीएम के बिना कार्यक्रम के औचित्य पर उठाए सवाल
इरफान अंसारी ने कहा कि जब तक राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार के मंत्री ऐसे कार्यक्रमों में मौजूद नहीं होंगे, तब तक इन आयोजनों का कोई औचित्य नहीं है।
शिबू अस्वस्थ, CM ने स्थगित करने का किया था आग्रह
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर 3 जुलाई को रांची और गढ़वा में होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम को स्थगित करने की मांग की है।
उन्होंने इसके पीछे कारण बताया कि उनके पिता और झारखंड आंदोलन के प्रणेता शिबू सोरेन की तबीयत खराब है और वे इन दिनों दिल्ली में इलाजरत हैं। ऐसे में वे खुद इस सरकारी कार्यक्रम में शरीक नहीं हो सकेंगे।
हार के बाद आदिवासी समाज को तोड़ने की साजिश
इरफान का BJP पर हमला, भोगनाडीह विवाद पर भी बोले
भोगनाडीह में आदिवासियों पर हुए कथित लाठीचार्ज और हंगामे को लेकर मंत्री इरफान अंसारी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सब “शैतानी दिमाग की उपज” है और बीजेपी चुनाव हारने के बाद अब आदिवासी समाज को तोड़ने की साजिश रच रही है।उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस की विचारधारा से जुड़े लोग माहौल को खराब करना चाहते हैं, लेकिन सरकार किसी भी कीमत पर दोषियों को बख्शेगी नहीं।
आदिवासी समाज से की एकजुट रहने की अपील
इरफान अंसारी ने कहा कि मुस्लिम समाज ने एक होकर हेमंत सोरेन को समर्थन दिया है, अब आदिवासी समाज की जिम्मेदारी है कि वे भी एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करें। उन्होंने कहा कि जो लोग आज खुद को आदिवासियों का हितैषी दिखा रहे हैं, वे वही लोग हैं जिन्होंने आज़ादी के वक्त अंग्रेजों का साथ दिया था।
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