धनबाद: धनबाद की जेल में बंद यूपी के कुख्यात गैंगस्टर अमन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। घटना को जेल के अंदर हुई गैंगवार का परिणाम बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि अमन को साथ गोलियां मारी गई हैं। अमन कांग्रेसी नेता नीरज सिंह की हत्या के आरोप में झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह के साथ अभियुक्त के रूप में जेल में बंद था। घटना की सूचना मिलने के बाद धनबाद डीसी और एसएसपी जेल पहुंच गए हैं। जिले के आला अधिकारी स्थिति का ज्यादा ले रहे हैं।
नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह वर्तमान में झरिया की कांग्रेस विधायक हैं। अमन सिंह पर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या का का आरोप था। अभियुक्त यूपी का कुख्यात गैंगस्टर था। रविवार को धनबाद जेल में बंदियों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसी दौरान अमन सिंह को सात गोलियां मारी गई। जेल में बंद कैदियों के बीच झड़प शुरू होते ही जेल प्रशासन ने पगली घंटी बजा दी। इधर सूचना प्रशासनिक और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। जेल के अंदर छापेमारी चल रही है।
संजीव सिंह समर्थकों और गैंग्स आफ वासेपुर के अपराधियों के बीच तीन माह पूर्व भी जेल में हुई थी झड़प
नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद पूर्व विधायक संजीव सिंह के समर्थकों और गैंग्स आफ वासेपुर के अपराधियों के बीच करीब तीन महीने पूर्व धनबाद जेल में झड़प हुई थी। इस झड़प में संजीव के साथ नीरज सिंह हत्याकांड के अभियुक्तों ने गैंग्स आफ वासेपुर के गुर्गों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था।
इस घटना के बावजूद प्रशासन ने जेल के अंदर सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया।
संजीव सिंह रिम्स में हैं भर्ती, आधा दर्जन अभियुक्त धनबाद जेल में
नीरज सिंह हत्याकांड के अभियुक्त अदालत के आदेश पर इलाज के लिए रिम्स रांची में भर्ती हैं। इधर धनबाद जेल में जब झड़प हुई उस समय नीरज हत्याकांड के अन्य अभियुक्त जैनेंद्र उर्फ पींटू सिंह, चंदन उर्फ सागर, सतीश, विनोद सिंह, धनजी सिंह, डबलू मिश्रा आदि धनबाद जेल में ही थे।
आठ दिन पूर्व डीसी ने की थी छापेमारी, सिर्फ खैनी-सिगरेट मिला था
अति सुरक्षित धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह को गोलियों से भूनं डाला गया। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि जेल के अंदर हथियार पहुंचा कैसे। पूरा धनबाद जेल परिसर सीसीटीवी से लैस है। इसके बावजूद जेल के अंदर हथियार पहुंच गया। वह भी तब जब मात्र आठ दिन पहले धनबाद जेल में डीसी वरूण रंजन ने धनबाद जेल में छापेमारी की थी। डीसी- को छापेमारी में जेल के अंदर सिर्फ खैनी का पुड़िया, सिगरेट, लाइटर मिला था। मात्र पांच दिन बाद उसी जेल के अंदर गोली चलना कई सवालों का खड़ा कर रहा है। जेल में छापेमारी के नाम पर महज औपचारिकता ही होता है।
दो घंटे से जेल के अंदर है पूरा प्रशासन, कोई बोलने को तैयार नहीं
अमन सिंह की हत्या के बाद करीब दो घंटे से डीसी वरूण रंजन, एसएसपी संजीव कुमार समेत प्रशासन और पुलिस के सभी प्रमुख अधिकारी धनबाद जेल के अंदर हैं। कैसे घटना हुई, किसके-किसके बीच झड़प हुई, इस पर कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। अधिकारी न किसी का फोन उठा रहे हैं और ना ही अभी तक कोई अधिकृत बयान प्रशासन एवं जेल प्रशासन का आया है।
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