रांची : भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के स्थापना दिवस पर झारखंड प्रदेश के कांग्रेस महासचिव (State Congress General Secretary) और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे ने संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई केवल एक छात्र संगठन नहीं, बल्कि यह एक विचारधारा से प्रेरित आंदोलन है, जिसने देश के लोकतांत्रिक ढांचे को सशक्त किया है।
एनएसयूआई का इतिहास और उद्देश्य
आलोक कुमार दुबे ने कहा, “एनएसयूआई की स्थापना 1971 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi) द्वारा की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को प्रगतिशील विचारों से जोड़ना और उन्हें राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनाना था।” उन्होंने यह भी कहा कि इस संगठन ने पिछले वर्षों में शिक्षा, रोजगार और छात्र अधिकारों के लिए कई ऐतिहासिक संघर्ष किए हैं।
एनएसयूआई की भूमिका
आलोक दुबे ने बताया कि एनएसयूआई ने देशभर में छात्रों की आकांक्षाओं को एक आवाज़ दी है। यह संगठन छात्र जीवन में राजनीतिक जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश फैलाने का काम करता है। आज के समय में जब शिक्षा व्यवस्था और युवाओं को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, तब एनएसयूआई जैसे संगठनों की भूमिका और जिम्मेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
संगठन की बढ़ती जिम्मेदारी
उन्होंने कहा, “एनएसयूआई आज भी छात्रों के मुद्दों पर संघर्षरत है और उसे सरकारों से छात्र हितों के लिए संघर्ष जारी रखने की जरूरत है। साथ ही कहा कि यह संगठन युवाओं में जागरूकता और प्रगति का बीज बोने का काम करता है, और इसने हमेशा से समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयास किया है।