पलामू : झारखंड के पिछड़े और नक्सल प्रभावित जिले पलामू में अब लोग बड़ी संख्या में पासपोर्ट बनवा रहे हैं। 2024 में 5959 लोगों ने पासपोर्ट बनवाया और यह आंकड़ा पिछले वर्षों की औसत दर के अनुरूप है। यह बदलाव जिले में बढ़ते वैश्विक संपर्क और विदेश में रोजगार व शिक्षा की संभावनाओं की ओर लोगों की रुचि को दर्शाता है।
पासपोर्ट वेरिफिकेशन में पलामू टॉप पर, पुलिस को मिला सम्मान
पासपोर्ट वेरिफिकेशन के मामलों में पलामू पूरे जोन में शीर्ष पर है। यहां की पुलिस औसतन 7 दिनों के भीतर वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी कर रही है, जिससे पासपोर्ट बनने में देरी नहीं हो रही। रीजनल पासपोर्ट ऑफिस की ओर से पलामू पुलिस को विशेष सम्मान भी दिया गया है। एसपी रीष्मा रमेशन के अनुसार, पलामू में 99% पासपोर्ट वेरिफिकेशन ‘पासपोर्ट एप’ के माध्यम से किया जा रहा है। इससे प्रक्रिया डिजिटल और तेज हो गई है।
किन इलाकों से बन रहे सबसे ज्यादा पासपोर्ट
पलामू जिले में जिन क्षेत्रों से सबसे अधिक पासपोर्ट आवेदन आ रहे हैं, वे हैं…
मेदिनीनगर टाउन : 1013 पासपोर्ट (2024)
हुसैनाबाद : 970 पासपोर्ट
हैदरनगर : 764 पासपोर्ट
हरिहरगंज : उल्लेखनीय संख्या
नावाजयपुर (अति नक्सल प्रभावित) : 27 पासपोर्ट
महिला आवेदकों की भागीदारी बढ़ी
पलामू में पासपोर्ट बनवाने वालों में महिलाओं की भागीदारी 30% से अधिक है। यह महिलाओं में विदेश यात्रा और रोजगार या शिक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।
विदेश जाने वालों की पहली पसंद बना गल्फ देश
पासपोर्ट बनवाने के बाद लोगों का पहला रुख गल्फ देशों की ओर है। नौकरी की तलाश में युवा सऊदी अरब, कतर, ओमान और यूएई जैसे देशों में जा रहे हैं। वहीं, आईटी और अन्य प्रोफेशनल क्षेत्रों के लिए अमेरिका और यूरोपीय देशों में भी युवाओं की रुचि बढ़ी है। हुसैनाबाद और हैदरनगर से सबसे अधिक संख्या में लोग रोजगार और धार्मिक यात्राओं (हज, उर्स) के लिए विदेश जा रहे हैं। हैदरनगर के निवासी जाफर हव्वारी बताते हैं कि विदेशों में मेहनत के अनुसार बेहतर मजदूरी और जीवन स्तर मिलने के कारण यहां के लोग बाहर जा रहे हैं।