सेंट्रल डेस्कः पहलगाम आतंकी हमले और भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित नए क्रिप्टो टोकन हाल ही में डिसेंट्रलाइज्ड एक्सचेंज पर चलन में आए हैं। इन टोकन के नामों में ‘Operation Sindoor’ और ‘Pahalgam’ जैसे शब्द शामिल हैं। CoinMarketCap जैसे प्लेटफार्म पर इनकी सूचीबद्धता से यह संकेत मिलता है कि ये टोकन हाल ही में बनाए गए हैं और इनका बाजार पूंजीकरण अपेक्षाकृत कम है।
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम: क्रिप्टो टोकन का संदर्भ
‘Operation Sindoor’ और ‘Pahalgam’ जैसे टोकन मुख्य रूप से Solana ब्लॉकचेन पर आधारित हैं। इन टोकनों की विशेषता यह है कि ये समाचारों और घटनाओं से प्रेरित होकर बनाए जाते हैं। हालांकि, इन टोकनों की आधिकारिक वेबसाइट, श्वेतपत्र (whitepaper) या सामाजिक मीडिया चैनल जैसी कोई औपचारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, जो एक वैध क्रिप्टो परियोजना की पहचान मानी जाती है।
जोखिम और सुरक्षा चिंताएँ
ऐसे टोकन जो तात्कालिक समाचारों या घटनाओं से प्रेरित होते हैं, उनमें निवेश करना जोखिमपूर्ण हो सकता है। इनमें से कुछ टोकन ‘pump-and-dump’ योजनाओं का हिस्सा हो सकते हैं, जहाँ कीमतें अचानक बढ़ती हैं और फिर गिर जाती हैं, जिससे निवेशकों को वित्तीय नुकसान होता है। इसके अतिरिक्त, कुछ टोकन साइबर अपराधों का हिस्सा हो सकते हैं, जहाँ धन की चोरी या धोखाधड़ी की घटनाएँ होती हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
नए या अप्रमाणित क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले, निवेशकों को वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए और परियोजना की पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि टोकन की पारदर्शिता, टोकनॉमिक्स और परियोजना के उद्देश्य स्पष्ट हों।
हाल के दिनों में ‘Operation Sindoor’ और ‘Pahalgam’ जैसे क्रिप्टो टोकन की उपस्थिति ने यह स्पष्ट किया है कि समाचारों और घटनाओं का उपयोग करके क्रिप्टोकरेंसी बनाई जा रही हैं। हालांकि ये टोकन आकर्षक प्रतीत हो सकते हैं, लेकिन इनसे जुड़े जोखिमों को समझना और सावधानी बरतना आवश्यक है।