सेंट्रल डेस्क : प्रसिद्ध ओडिया कवि और पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्त रमाकांत रथ का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे रविवार को खारवेल नगर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। ओडिया साहित्य में आधुनिकतावाद के प्रमुख स्तंभों में से एक रहे रथ की कुछ प्रमुख कृतियाँ ‘केते दिनारा’, ‘अनेका कोठारी’, ‘संदिग्धा मृगया’, ‘सप्तम ऋतु’ और ‘सचित्रा अंधरा’ शामिल हैं।
रथ का जन्म कटक में हुआ था, और उन्होंने रावेनशॉ कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया। भारतीय रेलवे सेवा में 1957 में शामिल होने के बाद भी उन्होंने लेखन की यात्रा जारी रखी। उन्होंने केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, और ओडिशा के मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए।
उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार (1977), सरस्वती सम्मान (1992), बिशुवा सम्मान (1990) और 2006 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण जैसे सम्मान मिले। वे भारतीय साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष (1993-98) और अध्यक्ष (1998-2003) भी रहे। उनकी रचनाएं ओडिया साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान मानी जाती हैं।