New Delhi: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। कर्नाटक के मंत्री दिनेश गुंडू राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह इस हमले का इस्तेमाल आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं।
दिनेश गुंडू राव का पीएम मोदी पर तीखा हमला
कांग्रेस नेता और मंत्री दिनेश गुंडू राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “पुलवामा हमला लोकसभा चुनावों में उनकी मदद के लिए आया, गोधरा कांड गुजरात चुनावों में उनकी मदद के लिए आया और अब पहलगाम हमला बिहार चुनावों में उनके लिए सहायक बन रहा है।”
उन्होंने बातचीत में कहा, “जो कांग्रेस कहना चाहती थी, वह यह था – प्रधानमंत्री मोदी कहां हैं? क्या वह मीडिया को संबोधित कर रहे हैं? क्या लोग उनसे सवाल पूछ सकते हैं कि आखिर क्या हुआ है?” दिनेश गुंडू राव ने आगे कहा, “आपको पहले देश के बारे में सोचना चाहिए। यही वजह है कि हमने वह पोस्टर जारी किया। हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री सामने आकर लोगों से बात करें।”
‘गायब’ पोस्ट और विशेष सत्र की मांग
इस बयान से पहले कांग्रेस पार्टी ने पीएम मोदी को निशाना बनाते हुए एक पोस्टर साझा किया था, जिसमें लिखा था: “ज़िम्मेदारी के समय – गायब।” कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि प्रधानमंत्री संकट की घड़ी में सामने नहीं आते और संवेदनशील मुद्दों पर चुप्पी साध लेते हैं। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि हमारी विशेष सत्र की मांग पूरी होगी। प्रधानमंत्री मोदी सर्वदलीय बैठक में मौजूद नहीं थे। हमने 22 अप्रैल को मांग की थी कि इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। प्रधानमंत्री को संसद में चर्चा में भाग लेना चाहिए और देश को बताना चाहिए कि यह आतंकी हमला कैसे हुआ। इसमें कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। कांग्रेस की केवल एक नीति है – एकता।”
राहुल गांधी की पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकी हमले पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। इस आतंकी हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है, जिससे पूरे देश में आक्रोश है। राहुल गांधी ने पत्र में लिखा है, “पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हर भारतीय को आक्रोशित करता है। इस कठिन समय में भारत को दिखाना होगा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट रहेंगे। विपक्ष का मानना है कि संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए, जिसमें जनप्रतिनिधि एकजुटता और संकल्प दिखा सकें।” उन्होंने आगे कहा, “हम आग्रह करते हैं कि यह विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए।”