श्रीनगर : पिछले सप्ताह 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने न केवल 26 निर्दोष पर्यटकों की जान ली, बल्कि कश्मीर घाटी के पर्यटन उद्योग को भी गहरे संकट में डाल दिया है। हमले के बाद से गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिससे होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली पड़े हैं।
गुलमर्ग और सोनमर्ग में पर्यटकों की अनुपस्थिति
गुलमर्ग होटलियर्स क्लब के अध्यक्ष आकिब चौधरी ने बताया कि गुलमर्ग और सोनमर्ग के होटल में लगभग सभी 1,800 कमरे खाली पड़े हैं। गुलमर्ग के होटल मालिक मुख्तार अहमद ने कहा कि उनके होटल में एक भी कमरा बुक नहीं है। उन्होंने इस सीजन को पर्यटन उद्योग के लिए एक आपदा बताया।
पहलगाम में होटल और होमस्टे खाली
पहलगाम, जो कभी पर्यटकों से भरा रहता था, अब सुनसान पड़ा है। स्थानीय होटल मालिकों के अनुसार, हमले के बाद से पर्यटक घाटी छोड़ चुके हैं और बुकिंग रद्द हो गई हैं। इससे होटल, होमस्टे और अन्य पर्यटन संबंधित व्यवसायों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
सीमा पर तनाव और सुरक्षा चिंताएं
आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन किया है। इस स्थिति ने पर्यटकों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है, जिसके परिणामस्वरूप पर्यटन गतिविधियों में गिरावट आई है।
पर्यटन उद्योग के लिए संकट
गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम के होटल, शिकारावाला, ट्रैवल एजेंट, हस्तशिल्प कारीगर, घोड़ा चालक, टूर गाइड और कैब ऑपरेटर सभी भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं। कश्मीर पर्यटन विभाग के अनुसार, हमले के बाद से इन क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या में 90-95% की गिरावट आई है।
पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि कश्मीर पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए सुरक्षा स्थिति में सुधार और पर्यटकों के बीच विश्वास बहाल करना आवश्यक है। इसके लिए सरकार को सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और पर्यटन स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इस संकटपूर्ण स्थिति में, कश्मीर के पर्यटन उद्योग को पुनः जीवित करने के लिए सरकार, स्थानीय समुदाय और पर्यटन व्यवसायों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।